Homeएमपी चुनाव 2023जबलपुर पूर्व सीट से दो 'दबंगों' में फिर मुकाबले की तैयारी।

जबलपुर पूर्व सीट से दो ‘दबंगों’ में फिर मुकाबले की तैयारी।

  • जबलपुर पूर्व सीट से दो ‘दबंगों’ में फिर मुकाबले की तैयारी
  • लखन का मुकाबला सिर्फ अंचल के ही बूते की बात!

जबलपुर। मध्यप्रदेश की अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 35 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में से एक जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र का चुनाव साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक दिलचस्प रहने वाला है।अभी यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया यहां से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। घनघोरिया ने 2018 के चुनाव में भाजपा के अंचल सोनकर को 35 हजार वोटों के अंतर से हराया था। कांग्रेस की ओर से जहां लखन घनघोरिया इस बार पुनः चुनाव मैदान उतरने की तैयारी में है तो भाजपा की ओर से चुनावी दंगल में उतरने के लिए अंचल सोनकर पूरी तैयारी में है। दोनों ओर से फिलवक्त ये ही एक जोड़ी है जो एक-दूसरे को टक्कर देने की दम-खम रखते हैं। हालांकि भाजपा की ओर से कुछ नए नेता भी टिकट के लिए प्रयासरत हैं मगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली पसंद आज भी अंचल सोनकर ही हैं। अंचल को ही लखन घनघोरिया के मुकाबले सही प्रत्याशी माना जा सकता है।

इमरजेंसी के बाद अस्तित्व में आई थी सीट

इमरजेंसी के बाद जब 1977 में विधानसभा चुनाव कराए गए थे तब यह सीट चर्चाओं में आई थी। तब जनता पार्टी के बैनर तले स्व. कैलाश सूरजवली सोनकर यहां से चुनाव जीते थे। बाद में 4 बार कांग्रेस और एक बार जनता दल ने यहां अपनी जीत दर्ज कराई थी। जबकि भाजपा ने भी इस सीट से चार बार जीत हासिल की। अंचल सोनकर यहां से भाजपा की टिकट पर 1993 से 2003 तक लगातार जीते और 2013 में भी जीते।अंचल सोनकर को शिवराज सरकार में केबिनेट मंत्री बनने का भी अवसर मिल चुका है।

जीत का अंतर हमेशा चौंकाने वाला रहा

जबलपुर पूर्व में चुनाव परिणाम हमेशा न केवल रोमांचक रहता रहा है बल्कि कई बार चौंकाने वाला भी रहा है। 2018 के चुनाव को छोड़ कर देखें तो जीत का अंतर 1000 वोटों से भी कम का रहा है। 2018 में कांग्रेस के लखन घनघोरिया ने भाजपा के अंचल सोनकर को 35 हजार वोटों से हराया था। उधर 2013 के चुनाव में भाजपा के अंचल सोनकर ने कांग्रेस के लखन घनघोरिया को लगभग 1000 मतों के मार्जिन से हराया था। 2008 में भाजपा उम्मीदवार अंचल सोनकर ने कांग्रेस को लगभग 6000 वोटों से हराया था। 1990 में जनता दल के प्रत्याशी मंगल पराग ने कांग्रेस के प्रत्याशी को काफी कम मार्जिन से हराकर सभी को चौंकाया था।

अजा की एकमात्र सीट

जबलपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से एक जबलपुर पूर्व सीट एकमात्र ऐसी सीट है जो अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। इस क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी भी अपने केंडिडेट उतारती रही है। प्राय:हर चुनाव में बसपा को यहां से तीसरा स्थान मिलता रहा है।

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