HomeदेशExam Board Update : अब एक साल में हो सकते है 2...

Exam Board Update : अब एक साल में हो सकते है 2 बार, बोर्ड एग्जाम्स

देश की शिक्षा व्यवस्था में हो सकता है बड़ा बदलाव, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के एक्सपर्ट के मुताबिक साल में अब स्टूडेंट 2 बार दे सकते है बोर्ड इग्ज़ैम,

Exam Board Update : देश में स्कूल एजुकेशन और उसमें भी खासतौर पर बोर्ड एग्जाम्स में आने वाले दिनों में एक बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने जो नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) का गठन किया था , उस फ्रेमवर्क के एक्सपर्ट पैनल ने अपनी राय दी है कि आने वाले  साल में दो बार बोर्ड एग्जाम्स और 12वीं क्लास के लिए एक सेमेस्टर सिस्टम का पक्षधर है। 

NCF ने कहा कि बोर्ड एग्जाम्स के लिए कहा कि साल में दो बार होने चाहिए। आपको बता दे  NCF यह भी सिफारिश कर सकता है कि स्टूडेंट्स को इस चीज की आजादी दी जानी चाहिए कि वे किस सब्जेक्ट का एग्जाम परीक्षा और किस सब्जेक्ट का एग्जाम दूसरी बार होने वाली परीक्षा में देना चाहते हैं। 

ये भी पढिए :- Pimples on the Face : चेहरे में पिंपल्स जिम्मेदार हो सकते है ये 4 विटामिन

इसका मतलब यह होगा की स्टूडेंट्स अपनी सुविधा के मुताबिक, उन परीक्षाओं में पहले शामिल हो सकेंगे, जिनकी तैयारी वह कर चुके हैं।  यह पैनल विभिन्न स्कूल बोर्ड में क्लास 11 और 12 में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस को अलग करने वाले प्रोसेस की बजाए साइंस और ह्यूमैनिटीज के कॉम्बिनेशन की भी सिफारिश कर सकता है। 

ये भी पढिए :- आज चढ़ेगा प्राचीन पचमठा हनुमान मंदिर में 1 टन का महलड्डु प्रसादम भोग

समिति तैयार कर रही सिफारिशें

इसरो के पूर्व चीफ के कस्तूरीरंगन की अगुआई में 12 सदस्यों वाली संचालन समिति सिफारिशें तैयार कर रही है, जो अपनाई गईं तो एग्जाम्स के ढांचे में एक बड़ा बदलाव होगा. शिक्षा मंत्रालय ने जो नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क बनाया है, उसके चार स्टेज हैं. इनमें फाउंडेशन, प्रीप्रेट्री, मिडिल और सेकेंड्री स्टेज शामिल हैं. सेकेंड्री स्टेज यानी क्लास 9 से क्लास 12 के लिए एनसीएफ को लागू किए जाने पर फिलहाल कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है। 

एनसीएफ के मुताबिक, करिकुलम तैयार करने में एजुकेशन बोर्ड की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए. बोर्ड एग्जाम्स के लिए क्वेश्चन पेपर बनाने वाले, जांच करने वाले और मूल्यांकन के लिए टेस्ट डेवेलपमेंट से जुड़ी यूनिवर्सिटी-सर्टिफाइड कोर्स की सिफारिश भी की जा सकती है. एनसीएफ में वोकेशनल, आर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन को करिकुलम का जरूरी अंग माना गया है. इसके लिए बोर्ड्स को इन एरिया के लिए हाई क्वॉलिटी टेस्ट सिस्टम को तैयार करने को कहा गया है। 

ये भी पढिए :- पठान के बेशरम रंग गाने पर बवाल.. जनाब..! यही तो है हिट होने का फार्मूला

शुरू हो चुकी है बालवाटिका योजना

गौरतलब है कि इससे पहले एजुकेशन के फाउंडेशनल स्टेज यानी बिल्कुल शुरुआती क्लासेज के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत देश भर में ‘बालवाटिका’ योजना शुरू की जा चुकी है. देशभर के अलग-अलग 49 केंद्रीय विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसको शुरू किया गया है. यह 3-8 साल की उम्र के बच्चों के लिए देश का पहला इंटीग्रेटेड नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क है.

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के सभी कदमों का मकसद तीन डेवेलपमेंटल टारगेट्स को हासिल करना है. इनमें गुड हेल्थ और खुशहाली, इफेक्टिव कम्युनिकेटर और एक्टिव लर्नर बनाना शामिल है.नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) छोटे बच्चों को 21वीं सदी के ज्ञान संबंधी विकास और भाषाई दक्षता से लैस करने में मदद करेगी। 

ये भी पढिए :- 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments