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ब्रिक्स का 15वां समिट दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एंट्री।

BRICS India: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में होने वाला सालाना शिखर सम्मेलन ब्रिक्स का 15वां समिट होगा।  भारत की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें हिस्सा लेंगे।  इसके पीएम मोदी 22 से 24 अगस्त के बीच जोहान्सबर्ग की यात्रा पर रहेंगे।

ऐसे तो ब्रिक्स का हर सालाना शिखर सम्मेलन इसके सदस्यों के लिए कूटनीतिक तौर से महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इस बार का समिट कई वजहों से बेहद ख़ास है।  उसमें भी भारतीय हितों के नजरिए से सोचें, तो भारत के लिए जोहान्सबर्ग समिट का मायने बढ़ जाता है।

इस बार के समिट की पहली ख़ासियत यही है कि ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्ष या सरकारी प्रमुख वर्चुअल तरीके से नहीं, बल्कि आमने- सामने एक दूसरे से रूबरू होंगे।  हालांकि सिर्फ़ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समिट के लिए दक्षिण अफ्रीका नहीं आएंगे. वे वर्चुअली इसका हिस्सा बनेंगे।  2019 के बाद ये पहला मौका होगा, जब ब्रिक्स समिट में सदस्य देशों के प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से (First in-person) मौजूद रहेंगे।

आखिरी बार नवंबर 2019 में ब्राजील में हुए समिट में सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुख साक्षात मौजूद थे. कोरोना महामारी की वजह से 2020 और 2021 का समिट वीडियो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुआ था।  उसी तर्ज़ पर जून 2022 में भी चीन की मेजबानी में 14वां ब्रिक्स समिट वर्चुअल तरीके से ही हुआ था।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन पहले ही जोहान्सबर्ग आने से मना कर चुके हैं. माना जा रहा है कि यूक्रेन से युद्ध को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट से पुतिन के खिलाफ वारंट जारी होने की वजह से ऐसा हो रहा है. चूंकि दक्षिण अफ्रीका अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट का सदस्य है।  इस वजह से पुतिन दक्षिण अफ्रीका को किसी दुविधा में नहीं डालना चाहते हैं।

समिट वर्चुअल नहीं हो रहा है और रूस को छोड़कर भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और चीन के राष्ट्र प्रमुख या सरकारी प्रमुख जोहान्सबर्ग में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे। ये भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जोहान्सबर्ग आएंगे।  जैसा ही हम सब जानते हैं कि पिछले 3 साल से वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर तनाव की वजह से भारत और चीन के रिश्ते काफी खराब हुए हैं।  हम कह सकते हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है।

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