- तेलंगाना के सीएम 12 जून की मीटिंग में नहीं जाएंगे
- ओडिशा के सीएम विपक्षियों से पहले ही कर चुके हैं किनारा
नई दिल्ली। विपक्षी एकता के पैरोकार बनकर उभरे बिहार के सीएम नीतीश कुमार के प्रयासों को शुक्रवार को उस समय करारा झटका लगा जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने 12 जून को दिल्ली में होने वाली मीटिंग में शामिल होने से साफ इन्कार कर दिया। इससे पहले ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी विपक्षी एकता मामले से अपने आपको अलग कर चुके हैं। दरअसल तेलंगाना के सीएम केसीआर विपक्षी एकता के लिए अपनाए जा रहे उस फार्मूले के खिलाफ हैं, जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अंधी नफरत और उन्हें सत्ता से बेदखल करने का मुद्दा प्रमुख है।
क्या चाहते हैं केसीआर-
केसीआर की ओर से केटी रामाराव ने कहा कि सीएम केसीआर कांग्रेस और भाजपा को छोड़ सभी दलों को साथ आने के हिमायती हैं।इसके लिए उन्होंने दो वर्ष पूर्व विपक्षी एकता के तहत कई नेताओं से मुलाकात की थी। केटी रामाराव ने कहा कि विकल्प के तौरपर बगैर नए शासन के फार्मूले के विपक्षी एकता असंभव है। रामाराव ने साफ कर दिया कि मोदी को सत्ता से बेदखल करने के एजेंडे से पहले जनता के समक्ष मजबूत विकल्प पेश करने की जरूरत है।
भाजपा नेता सुशील मोदी नीतीश को घेरा-
बिहार में कभी नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को शुक्रवार को जमकर घेरा। मोदी ने कहा कि तेलंगाना के सीएम का 12 जून की मीटिंग से किनारा करना नीतीश कुमार के महत्त्वाकांक्षी गुब्बारे में एक और पिन चुभा दिए जाने जैसा है।
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