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मदिरा प्रेमियों से चल रही खुलेआम लूटआबकारी अधिकारी के मिले होने की संभावना

मध्य प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व शराब की बिक्री के बाद मिलता है लेकिन सरकार से ज्यादा राजस्व शराब माफिया कमा कर अपनी तिजोरियां भर रहे है ये खुलासा किया है जबलपुर में एक मदिरा प्रेमी ने जिसे देख और सुन कर आप भी हैरान हुए बिना न रह पाएंगे और जिले भर में किस तरह की जा रही मदिरा प्रेमियों के साथ खुलेआम लूट और क्यों लगाई जाएगी हाईकोर्ट में शराब को लेकर जनहित याचिका जानने के लिए देखिए HIT VOICE न्यूज़ की ये खास रिपोर्ट,,

जबलपुर जिले की ये है अंग्रेजी शराब दुकानें इन सभी शराब दुकानों में बैठे गद्दीदारों के द्वारा मदिरा प्रेमियों से खुलेआम लूट की जा रही है इन शराब दुकानों में जो तय माप दंड है वो तो बिल्कुल ही नही अपनाएं जाते है न तो इन दुकानों पर कोई शराब के मूल्य की कोई लिस्ट चस्पा की गई है और न ही मदिरा प्रेमियो को कोई भी बिल दिया जाता है इतना ही नही जो मदिरा प्रेमी ऑनलाइन शराब का मूल्य मोबाइल से ट्रांसफर करते है वह पैसा शराब दुकान या शराब ठेकेदार के खाते में नही जाता है क्योंकि जो ऑनलाइन पैसा मदिरा प्रेमी ट्रांसफर करते है वह किसी अन्य के नाम से चला जाता है जिसका उदाहरण आप अपने टीवी स्क्रीन पर देख रहे होंगे कि किस तरह कुंडम की शराब दुकान पर ट्रांसफर की गई 450 रुपये की राशि आशीर्वाद ढाबे के नाम से हुई है यह खुलासा किया है जबलपुर के एक सेल्स मैन ने जो अपने कारोबार को लेकर जिले भर में घूमता है और यह मदिरा प्रेमी उसका सेवन करने के लिए जिले भर की शराब दुकानों से शराब की खरीददारी कर चुका है मदिरा प्रेमी बताते है कि जो शराब की बोतलों में दाम डले हुए है उस दाम से भी अधिक दाम दुकानदार हमसे वसूलते है अगर इनसे बिल या कारण पूंछा जाता है तो वह शराब देने से ही मना कर देते है या फिर उन्हें शराब दुकान में लज्जित होना पड़ता है

इस पूरे मामले पर आबकारी विभाग की भी बड़ी लापरवाही देखने मिल रही है क्योंकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आबकारी विभाग ने छोटे मोटे कच्ची शराब बनाने वालों पर कार्यवाई कर अपनी पीठ थप्प थपाई थी लेकिन जो खुले आम लायसेंसी शराब दुकानों से चुनाव को लेकर निकली शराब पर कोई कार्यवाई नही की इतना ही नही जब हमारी टीम ने मूल्य से अधिक दामों पर बेची जा रही शराब को लेकर आबकारी कंटोल रूम प्रभारी जीएल मरावी से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने फोन ही उठाना मुनासिब नही समझा और जब हमारी टीम लाखों रुपये किराए से लिये गए आबकारी कंट्रोल रूम पहुची तो वहां भी कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर बोलने नही उपलब्ध हो सका जबलपुर सहित पूरे मध्य प्रदेश में मूल्य से अधिक दामों पर बिक रही शराब को लेकर शहर के एक वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र निखारे का भी कहना है कि जो शराब अधिक दामों पर दुकानों से बेची जा रही है वह बिना आबकारी अधिकारियों की मिली भगत के चलते ही कि जाती है और उनके कई क्लाइंट भी है जो इसके बारे में उन्हें बता चुके है और हम जल्द ही इस मामले पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर मदिरा प्रेमियों के साथ हो रही लूट से राहत दिलवाने का काम करेंगे

मूल्य से अधिक दामों पर बेची जा रही शराब को लेकर हर मदिरा प्रेमी से लूट तो हो ही रही है साथ ही सरकार को भी भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि जो पैसे मदिरा प्रेमियों की जेब से निकाला जा रहा है वह पैसा सीधे शराब ठेकेदारों गद्दीदारों के साथ अधिकारियों की जेबो में जा रहा है अब देखना ये होगा कि हमारी इस खबर के बाद जिम्मेदार अधिकारियों की कब और कैसे बंद आंखे खुलती है और कब मदिरा प्रेमियों के साथ हो रही खुलेआम लूट पर लगाम लगती है

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