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जबलपुर मंडी में व्यापारी और आढ़तियों का विरोध हरे मटर की खरीदी अनिश्चित काल के लिए बंद

जबलपुर में मटर की खरीदी को लेकर किसानों के आक्रोश के उपरांत व्यापारी और आढ़तियों ने विरोध का मन बना लिया है। उन्होंने जबलपुर कृषि उपज मंडी में हरे मटर की खरीदी अनिश्चित कल के लिए बंद कर दी है। गुरुवार रात को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इससे किसानों की मुसीबत बढ़ सकती है।मटर की खरीदी को लेकर किसानों के आक्रोश के उपरांत व्यापारी और आढ़तियों ने विरोध का मन बना लिया है।

उन्होंने जबलपुर कृषि उपज मंडी में हरे मटर की खरीदी अनिश्चित कल के लिए बंद कर दी है। गुरुवार रात को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इससे किसानों की मुसीबत बढ़ सकती है। व्यापारियों का कहना है कि कोई भी आकर कृषि उपज मंडी को बंद कर देता है। उनकी कोई सुरक्षा नहीं है।

दो दिनों तक किसानों ने मंडी के गेट पर ताला लगाए रखा इससे उनका खरीदा हुआ माल खराब हो गया। ऐसे में करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन इसका कोई मुआवजा प्रशासन की तरफ से नहीं दिया गया। जबकि किसानों को प्रतिबोरी 700 रुपए का मुआवजा देने की घोषणा कर दी गई व्यापारी संघ ने बताया कि हम अपनी जान माल की सुरक्षा चाहते हैं। हम किसानों का हरा मटर बिकवाते और ख़रीदते हैं।

बीते सोमवार और मंगलवार को भी किसानों से कई हजार क्विंटल मटर लेकर उसकी सप्लाई बाहर की जानी थी, लेकिन कृषि उपज मंडी के गेट पर ताला लगा दिया गया पर दो दिन तक जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। इससे मटर के साथ-साथ सब्जी और फलों का भी नुकसान हुआ। इसलिए हमने प्रशासन से मांग की है कि जब तक उनके सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए जाते तब तक मटर की खरीदी बिक्री का काम कृषि उपज मंडी में बंद रहेगा। व्यापारियों के इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मटर की बिक्री प्रभावित हो सकती है। अभी मटर का सीजन चल रहा है और बड़ी तादाद में उसकी तुड़ाई के साथ-साथ बाजार में बिक्री करने के लिए किसान आ रहे हैं।

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