Homeताजा ख़बर'शिव' केबिनेट में कलह, संगठन की नाकाम होती सुलह

‘शिव’ केबिनेट में कलह, संगठन की नाकाम होती सुलह

  • तीन मंत्रियों को सीएम ने बुलाकर फिर डांटा । 
  • पखवाड़े भर पहले वीडी शर्मा को हटाने की हो चुकी है लाबिंग । 

भोपाल। अभी लगभग पखवाड़े भर पहले ही खबर आई कि मप्र भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा को हटाकर नए चेहरे को लाया जा सकता है।बात बिगड़ न जाए इसके लिए प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के पदाधिकारियों को संगठन और शासन में पदस्थ आला नेताओं से बातचीत करके हर निकालने का जिम्मा सौंपा गया। तात्कालिक रूप से तो तब यह बताया गया कि सबकुछ सामान्य हो गया है और सरकार में शिवराज सिंह चौहान तथा संगठन में वीडी शर्मा के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा। मगर,इधर एक मामला सुलझा तो अब सरकार में दूसरा बखेड़ा खड़ा हो गया है। मामला तीन मंत्रियों का है। मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ सागर संभाग के एक भाजपा जिलाध्यक्ष समेत दो मंत्रियों और दो विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है।

इस्तीफा देने की धमकी तक दे डाली

तीन मंत्रियों भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव एवं गोविंद सिंह राजपूत के अलावा सागर वह नरयावली विधायकों क्रमशः शैलेन्द्र जैन व प्रदीप लारिया को सीएम ने बीती सुबह 9 बजे सीएम हाउस में बुलाया। अंदरखाने जो खबर निकलकर आई है उसके अनुसार सीएम शिवराज ने तीनों मंत्रियों से संयम बरतकर पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी से बाज आने का भारत निर्देश दे दिया है। यह मामला तीनों मंत्रियों के बीच काफी दिनों से चर्चाओं में हैं। मंत्रियों ने भूपेंद्र सिंह के व्यवहार से कुपित होकर इस्तीफे तक की धमकी दे दी है।

विवाद की वजह क्या है?

सूत्रों की मानें तो विवाद के मूल में मंत्री भूपेंद्र सिंह हैं। क्योंकि सागर संभाग के दोनों मंत्रियों गोपाल भार्गव व गोविंद सिंह राजपूत के अलावा विधायक शैलेंद्र जैन एवं प्रदीप लारिया ने मंत्री जी के विरूद्ध शिकायत की है कि वे पार्टी हित से जुड़े कार्यों को होने नहीं दे रहे हैं। शिकायत है कि भूपेंद्र सिंह ने सागर प्रशासन को कह रखा है कि जबतक वे इशारा न करें तबतक इन लोगों के कार्य न किए जाएं।

खुलकर बयानबाजी भी हो चुकी है

सीएम ने मंत्रियों के बीच चल रही खींचतान को तब संज्ञान में लिया जब खबर आई कि विधायकों ने अखबार नवीसों से इस मसले पर खुलकर बात की है।स्थानीय(सागर संभाग में)संयंत्र पर मामला उजागर होने के बाद ये बात सीएम के कानों तक भी पहुंच गई।

उधर सिंधिया खेमा भी ताल ठोंक रहा है।जिससे भाजपा संगठन के समक्ष बड़ी विचित्र स्थिति निर्मित हो गई है। संगठन कोशिश में है कलह सार्वजनिक न हो और घर की बात घर में ही रही आए। यह देखना दिलचस्प होगा कि वर्षांत में होने वाले चुनाव में भाजपा करता रणनीति अपनाती है।

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