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विवेक तन्खा ने डेंगू और मलेरिया के भर्ती मरीजों की ली सुध, हरसंभव मदद का दिया भरोसा

विवेक तन्खा ने डेंगू और मलेरिया के भर्ती मरीजों की ली सुध, हरसंभव मदद का दिया भरोसा
जबलपुर। जबलपुर में डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। स्थिति यह है कि अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं। हर घर में कोई न कोई डेंगू की चपेट में है। ऐसे में शहर के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। रविवार को राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने शहर के प्रमुख अस्पतालों का भ्रमण कर अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने मेडिकल कॉलेजत के डीन डॉ. कसार से चर्चा कर नगर में फैले डेंगू और मलेरिया के भर्ती मरीजों की जानकारी ली। विवेक तन्खा ने वार्ड का भ्रमण कर यथासंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। इसके बाद वे विक्टोतिया अस्पताल और एल्गिन भी, जहां उन्होंन निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया।
विक्टोरिया में रैंप के लिए मदद का आश्वासन
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा मेडिकल के बाद बाद सेठ गोविन्द दास विक्टोरिया अस्पताल का भ्रमण करने पहुंचे। उन्होंने यहां सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुरारिया व डॉ. अमिता जैन से डेंगू के भर्ती मरीजों की चिकित्सा संबंधी जानकारियाँ भी लींं। विक्टोरिया के अधिकारियों ने विवेक तन्खा से अस्पाल में बनाये गये नए भवन के वार्ड क्रमांक 3-6 के प्रथम व द्वितीय तल पर मरीजों के आने जाने की सुविधा के लिए रेम्प निर्माण कराने का आग्रह किया। इस पर विवेक तन्खा ने शीघ्र राशि जारी करने का आश्वासन दिया।
सैकड़ों मरीजों को प्लेटलेट्स में मिली मदद
राज्सभा सांसद विवेक तन्खा ने रानी दुर्गावती एल्गिन अस्पताल के परिसर में स्थित रोटरी ब्लड बैंक का भी निरीक्षण किया। गौरतलब है कि एल्गिन में विवेक तन्खा ने पूर्व में कई महत्वपूर्ण मशीनें प्रदान की हैं। क्षेत्रिय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. संजय मिश्रा व ब्लड बैंक में कार्यरत डाक्टरों व स्टाफ ने उन्हें बताया कि उनके द्वारा प्रदान कि गई एफ्रेसिस मशीन के कारण अब तक 190 मरीजों को ब्लड प्लेटलेट्स प्रदान किया गया है। एल्गिन में इस मशीन से दिन-रात कार्य लेकर डेंगू व अन्य रोगों से ग्रसित लोगों की जान बचाई है। इस दौरान क्षेत्रीय नागरिकों ने विवेक तन्खा को एफ्रेसिस मशीन प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान उन्होंने एक और एफ्रेसिस मशीन देने का अनुरोध किया। इस मशीन की कीमत करीब 30 लाख रूपए बताई है। विवेक तन्खा से ब्लड बैंक के लिए एक और मशीन देने का अनुरोध किया गया, जिसे उन्होंने स्वीकारते हुए सहमति जताई। उन्होंने कहा कि उनके जीवन का ध्येय ही गरीब और मजदूरों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है।

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