जबलपुर। पूर्व कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष व कांग्रेस नेता अभिषेक चौकसे चिंटू ने आरोप लगाया कि कैंट तिलहरी क्षेत्र में निवास कर रहे विस्थापितों के बुरे हाल हैं। लगभग दो साल उन्हें विस्थापित हुए हो गए, लेकिन जिम्मेदार नेता या अधिकारियों ने उनकी सुध तक नहीं ली। उनकी समस्याओं को लेकर रविवार को उन्होंने नगर निगम आयुक्त के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि मदन महल से बेघर कर विस्थापितों को तिलहरी में बसा तो दिया गया लेकिन आज तक किसी ने इनका हाल तक नहीं पूछा। लगभग 2 वर्ष से कोरोना महामारी फैली हुई है, लेकिन इन विस्थापित गरीबों के भरण-पोषण का हालचाल जानने कोई अधिकारी नहीं आया। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि यदि इन गरीबों का नाम वोटर लिस्ट में जुड़ा होता तो यहां आए दिन कैंट विधायक अशोक रोहाणी डेरा जमाए रहते। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सिर्फ़ वोट के स्वार्थ के लिए जनप्रतिनिधि चुने जाते हैं।
..काश कांग्रेस सरकार होती
चिंटू चौकसे ने बताया कि कांग्रेस की 15 महीने की सरकार के दौरान गरीबों की मूलभूत सुविधाएं पूरी होती थीं। योजनाओं की राशि समय पर दी जाती थी। गरीबों को पट्टे देने का कार्य किया जा रहा था। लेकिन जब से भाजपा सरकार आई है, तब से इन्हें बेसहारा छोडक़र कोई इनकी सुध कोई नहीं लेता। क्योंकि इनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, नर्मदा तट के पास रहने के बावजूद इन्हें पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। हालत यह है कि वर्तमान में इन्हें पट्टे तक नहीं दिए जा रहे हैं।
हक की लड़ाई रहेगी जारी
चिंटू चौकसे ने कहा कि जल्द से जल्द इन विस्थापितों की मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, बिजली, राशन आदि की पूर्ति की जाए। उन्होंने मांग की कि सभी विस्थापितों का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा जाए। साथ ही शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को इन तक पहुंचाने के लिए शिविर लगाया जाए। इसके अलावा पट्टे देने की प्रक्रिया भी शीघ्र आरंभ की जाए। पूर्व केंट बोर्ड उपाध्यक्ष ने मदन महल से विस्थापित हुए लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे हमेशा उनके साथ हंै और उनके हक की लडाई लड़ते रहेंगे।