Homeमध्यप्रदेशसुपर मॉम की कहानी.. 30 शावकों को जन्म देकर बनाया वल्र्ड रिकार्ड

सुपर मॉम की कहानी.. 30 शावकों को जन्म देकर बनाया वल्र्ड रिकार्ड

सिवनी। विश्व कीर्तिमान बनाने वाली पेंच नेशनल पार्क सिवनी की 17 साल की हो चुकी कॉलर वाली बाघिन ने शनिवार शाम अंतिम सांस ली। इस खबर से सारे विश्व के वन्य अमले में शोक की लहर दौड़ पड़ी। वहीं वन्य जीव प्रेमियों ने सोशल मीडिया में अपनी सबसे चहिती बाघिन के लिए शोक संदेश छोड़े।।
मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में 30 शावकों को जन्म देने वाली कॉलर वाली बाघिन की भूमिका अहम थी। कॉलर वाली बाघिन जन्म सितम्बर 2005 में हुआ था। यहां पेंच नेशनल पार्क की शान थी। पेंच टाईगर रिजर्व में मादा बाघिनों की श्रेणी में कॉलर वाली का स्थान सबसे ऊपर था। इस बाघिन ने सबसे पहले 2006 में तीन शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बारिश के चलते तीनों शावकों की मौत हो गई थी। इसके बाद उसी साल बाघिन ने फिर चार शावकों को जन्म दिया था। अगले क्रम में भी पांच शावकों को जन्म दिया था। बाघिन ने इसके बाद लगातार दो बार तीन-तीन शावकों को जन्म दिया और अप्रैल 2015 में चार और नन्हें शावकों को जन्म देकर पेंच की सर्वाधिक 22 शावकों को जन्म देने वाली बाघिन बन चुकी थी। वहीं 2017 में बाघिन ने चार और शावकों को जन्म दिया था जिससे यह संख्या बढकऱ 26 हो गई थी। वहीं अभी जनवरी माह में 04 शावकों को जन्म देकर अभी तक इसके द्वारा दिए हुए शावकों की संख्या 30 थी। एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड भी कॉलर वाली बाघिन के नाम ही दर्ज है।
मछली बाघिन को पीछे छोड़ा
सबसे ज्यादा बच्चों को जन्म देने का रिकार्ड इसके पहले यह कीर्तिमान रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में 23 शावकों को जन्म देने वाली मछली बाघिन के नाम था। लेकिन अभी वर्तमान में कॉलर वाली बाघिन को मिलता था। कॉलरवाली नाम से मशहूर पेंच राष्ट्रीय उद्यान सिवनी की बाघिन को मार्च 2008 में गले में कॉलर लगा होने के कारण इस बाघिन का नाम कॉलर वाली बाघिन पड़ा।

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