Homeमध्यप्रदेशअजगरों की बस्ती को अभ्यारण बनाने की कवायद आश्वासन में झूल रही

अजगरों की बस्ती को अभ्यारण बनाने की कवायद आश्वासन में झूल रही

मंडला। मंडला जिला मुख्यालय से महज 29 कि.मी. दूर और कान्हा नेशनल पार्क से लगभग 30 किलोमीटर दूर रायपुर मार्ग के अंजनिया से लगे ईलाके में अजगरदादर नाम के क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से हर साल ठंड के दिनों में अजगरों को एक साथ समूह में धूप सेंकते देखा जा सकता है। पथरीले ईलाके में चूहों की बहुतायत मात्रा में होना और लंबे क्षेत्र में पत्थर और मिटटी का होना अजगरों के लिये यह माकूल स्थान है जहां प्राकृतिक तरीके से सैकडों अजगर रहते है। करीब 7 हैक्टेयर हेक्टेयर मे फैले इस वन क्षेत्र में बडे बडे बिलों में रहते अजगर इन दिनों धूप में बाहर निकल आते हैं जिनमें छोटे बडे अजगरों की उपस्थिति स्पष्ट देखी जाती है। ग्रामीणों का मानना है कि इस गांव का नाम भी इन्हीं अजगरों से पड़ा है। जहां प्रतिवर्ष सैकडों पर्यटक भी पहुंचते है। यहां पर्यटन की दृष्टि से कोई कार्य अब तक नहीं किया गया है जबकि यह ईलाका कान्हा से लगा हुआ है। यहां रैनबसेरा, पेयजल व्यवस्था और सडक का आभाव तो है ही साथ ही अजगरों की सुरक्षा भी नहीं है। पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र को अभ्यारण बनाने की कवायद जारी हैं लेकिन अब तक वन विभाग द्वारा आश्वासन मात्र दिया जा रहा हैं… वन विभाग के अधिकारियों क़ा कहना हैं कि इसे अभ्यारण बनाने के लिऐ शासन को प्रस्ताव भेजा गया हैं।
इस पथरीले ईलाके में हर साल ठण्ड के दिनों में एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों अजगर अपने बिलों से बाहर निकल आते है। करीब 7 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पत्थर और मिटटी के बने बिल से निकलते अजगर आम ग्रामीणों के अलावा पर्यटकों को आकर्षित करते हैं…बताया जाता है कि ठंड के दिनों में जब तापमान निरंतर गिरावट में होता है तो इन सैकड़ों अजगरों को अपने शारीरिक तापमान को संतुलन बनाये रखने के लिये बाहर आना पडता है और लंबे समय के लिये ये बाहर गरम पत्थरों में ये धूप सेंकते देखे जा सकते हे। वन विभाग ने इनके संरक्षण के लिये ईलाके में फेंसिंग तो कराई है लेकिन सूची एक में दर्ज अजगर की सुरक्षा के लिये ये नाकाम साबित हो रहा है।
कान्हा नेशनल पार्क में इन दिनों पर्यटकों की भारी भीड है। नवंबर और दिसंबर के महीने में अवकाश के कारण यहां पर्यटको का आना जाना रहता है…यदि अजगर दादर को पर्यटन केंद्र की तरह विकसित किया जाये तो पर्यटको के लिये एक और स्थान निर्मीत हो सकता है वहीं अजगरों की सुरक्षा भी हो सकती है।

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