जबलपुर जिले की नंबर 1 पंचायत बेलखेड़ा, जिससे महज 100 मीटर दूरी पर बना आंगनवाड़ी क्रमांक 2 जहां शराब के बोतलों की फसल होती है। सुनने में कुछ अटपटा लग रहा होगा लेकिन बात सत्य है। आंगनबाड़ी की सहायिका बाकायदा रोज सुबह आकर शराब के गिलास पाउच और बोतलें झाड़ती रहती है। इसके बाद विद्यालय के बच्चे अंदर प्रवेश होते हैं। आंगनवाड़ी सहायिका कमला का कहना है कि अनेकों बार पुलिस थाने एवं विभाग में भी शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। रात में बेवड़ों की अच्छी खासी महफिल जमती है। पूरी दीवारों पर गुटके के पीक से दीवारें रंग गई हैं। वही सामने नालियां शराब की बोतलों और पाउच डिस्पोजल से नाली बजबजा रही हैं।
मासूम बच्चों के लिए आंगनबाड़ी खोली जाती है लेकिन जैसे ही आंगनवाड़ी से बच्चे जाते हैं, उसके बाद यहां पर शराबियों का अड्डा बन जाता है। यह जो तस्वीरें आप देख रहे हैं यह सुबह-सुबह ही देखी जाती हैं, जब यहां पर शराब की बोतलें इक_ा मिलती हैं। शिकायतें करने के बावजूद भी यहां पर यही हाल रहता है। ऐसे में सोचने वाली बात है कि पुलिस की पेट्रोलिंग कहां होती है जब रात को यहां पर शराबियों की महफिल जमती है।
आंगनबाड़ी में रात में होती है शराबखोरी, दिन में भी छलकते हैं जाम गजेंद्र सिंह सेंगर।
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