Homeजबलपुरचाइल्ड बस जाएगी और ऑपरेशन के बाद घर तक छोड़कर भी आएगी

चाइल्ड बस जाएगी और ऑपरेशन के बाद घर तक छोड़कर भी आएगी

जबलपुर। जन्म से ही हृदय की बीमारी से जूझ रहे नवजात बच्चों के लिए बाल दिवस के मौके पर स्वस्थ बाल हृदय मिशन का शुभारंभ किया गया। जस्टिस तंखा मेमोरियल और श्री सत्य साईं बाल ह्रदय चिकित्सा केंद्र इंदौर द्वारा इस मिशन की शुरुआत की गई है। जिसमें उन बच्चों का निशुल्क इलाज किया जाएगा जिनके हृदय में सुराग है। ऐसे 6 बच्चों को उनके माता-पिता के साथ जबलपुर से इंदौर रवाना किया गया। जहां बच्चों का निशुल्क उपचार और ऑपरेशन इंदौर के अपोलो हॉस्पिटल में किया जाएगा। इसकी पूरी व्यवस्था जस्टिस तंखा मेमोरियल और श्री सत्य साईं बाल हृदय मिशन की ओर से की जाएगी। विवेक तंखा ने बताया कि महाकौशल विन्ध और बुंदेलखंड में कई ऐसे अभिभावक हैं जो अपने बच्चे की इस गंभीर बीमारी के इलाज के लिए भटकते हैं क्योंकि हृदय में सुराग होने पर इसके इलाज का खर्च लाखों में जाता है इसलिए महाकौशल विन्ध और बुंदेलखंड की जनता को यह सौगात दी जा रही है इस मिशन के तहत नवजात से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चों का इलाज पूरी तरह निशुल्क किया जाएगा। अच्छी बात यह है कि जबलपुर से बच्चों और उनके अभिभावकों को लेकर एक बस इंदौर के लिए हर रविवार को रवाना होगी। जो पूरा इलाज कराके वापस उन्हें अपने घर छोड़ेगी। इस मिशन का हिस्सा बने माता-पिता का कहना है कि यह उनके लिए वरदान साबित हो रहा है अपनी 4 महीने की मासूम बच्ची को लेकर आज इंदौर के लिए रवाना हुए मोहम्मद अरकम ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी के दिल में छेद है तो वह बेहद दुखी हुए इसका खर्च लाखों में था लिहाजा आज जब उन्हें इस अभियान के बारे में मालूम चला तो उन्होंने राहत की सांस ली। वही मोहम्मद असलम का भी कहना है कि उनकी बेटी की उम्र 7 साल है जब वो डेढ़ साल की थी तब उन्हें उसके दिल में सुराग होने की जानकारी मिली। लेकिन आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होने की वजह से वह इलाज नहीं करा पा रहे थे लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि उनकी बेटी की तबीयत अब पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments