मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा-आ गई मुश्किल की घड़ी, तीसरी लहर दरवाजे पर खड़ी
भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने भाजपा कार्यकर्ताओं और प्रदेश की जनता से अपील की है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। एक बार फिर कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की बीजेपी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए। वहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने भी माना कि तीसरी लहर का खतरा शुरू हो गया है और एक तरह से तीसरी लहर आ चुकी है। ऐसे में सभी पर यह जिम्मा है कि वे ऐहतियाती उपाय अपनाएं और तीसरी लहर के खतरे से बचें।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता के नाम संदेश दिया और कहा कि मध्यप्रदेश में कई महीनों बाद कोरोना के नये मामले तेजी से बढऩे लगे हैं। एक बात जो चिंता पैदा करती है कि महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में कोरोना मामलों में वृद्धि हुई है। इन राज्यों से मध्यप्रदेश में आना-जाना बना रहता है। पूर्व के अनुभव बताते हैं कि पिछली बार भी महाराष्ट्र में केस बढऩा शुरू हुए, गुजरात में बढ़े इसके बाद मध्यप्रदेश में पहली लहर हो या दूसरी, केस बढऩे लगे। यदि पुरानी दोनों लहरों को भी देखा जाए, तो शुरुआत इंदौर और भोपाल से ही हुई थी। अभी इन दोनों शहरों में प्रकरण बढक़र, नवंबर की तुलना में साप्ताहिक मामले लगभग 3 गुने हो गए हैं। कोरोना ने स्वरूप बदला है और अब ओमिक्रॉन वैरिएंट के रूप में देश के 16 राज्यों में दस्तक दे चुका है। यदि हम पूरी दुनिया का अध्ययन करें और उनके अनुभवों को देखें तो ये वायरस बहुत तेजी से फैलता है। इंग्लैंड में इसके एक लाख केस प्रतिदिन आ रहे हैं।
सीएम ने कहा कि अमेरिका में भी ओमिक्रॉन के लगभग ढाई लाख केस प्रतिदिन आ रहे हैं। यूरोप में भी यह तेजी से फैल रहा है। उपरोक्त सभी कारणों को देखते हुए मुझे लगता है कि यह सही समय है कि जब हम सचेत हो जायें। कोरोना की तीसरी लहर को रोकें, संक्रमण न फैलने दें। भारत सरकार ने भी कुछ गाइडलाइन जारी किए हैं। मेरी आपसे प्रार्थना है कि अब देर न करें, मास्क जरूर लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं, अनावश्यक भीड़ में न जाएं। पहला टीका लगवा लिया है, तो दूसरा जरूर लगवाएं। हमने पहले ही तय कर दिया था कि स्कूल में बच्चे 50 प्रतिशत की संख्या में ही जायेंगे। रात्रिकालीन कफ्र्यू 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक लगा रहेगा। यदि कोई पॉजिटिव केस आता है व घर में पर्याप्त स्थान है, तो घर में आइसोलेट करके इलाज करेंगे और नहीं तो हर हालत में हमें उन्हें अस्पताल में ही भर्ती कराना चाहिये। घर में आइसोलेट करने अथवा अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज करवाने से परिजन संक्रमण से बच सकेंगे। याद रखिये, सावधानी में ही सुरक्षा है। मेरी प्रार्थना है कि आप सब सहयोग करें ताकि हम प्रदेश को तीसरी लहर के संकट से बचा पायें।