नरसिंहपुर। जमीन हड़पने के लिए पटवारी और रिश्तेदारों ने बुजुर्ग को जीते जी मार डाला। वृद्ध कलेक्टर के पास पहुंचा और बोला-मैं जिंदा हूं साहब मुझे मत मारो। जी हां, कुछ इसी अंदाज मे कलेक्टर कार्यालय के सामने अपने जिन्दा होने का सबूत देते हैं 75 साल के बुजुर्ग हल्केवीर। जो खुद को जिंदा करने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं और अधिकारियों से कह रहे हैं कि साहब मैं जिंदा हूं अभी मरा नहीं हूं। दरसल पूरा मामला नरसिंहपुर की ग्राम पंचायत मुआर का है, जहां रहने वाले हल्केवीर ढाई साल पहले नर्मदा परिक्रमा को गए हुए थे और इसी बीच उनके रिश्तेदारों ने और गांव के पटवारी प्रहलाद द्वारा षड्यंत्र रचते हुए उसे दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया और आनन-फानन में उसकी जमीन के दस्तावेजों पर उसकी फोर्त दर्ज कराकर कोई बारिस ना होने का कहते हुए लगभग 10 एकड़ की जमीन का बंदरबांट कर लिया गया।
जब बुजुर्ग हल्केवीर नर्मदा परिक्रमा से लौट कर आया तो उसने अपनी जमीन सिकमी में देने के लिए खसरा की नकल निकलवाई तो वह हैरान रह गया। दस्तावेजों में उसे मृत घोषित कर दिया गया था। हालांकि 2 सालों में दर्जनों बार पटवारी, ग्राम पंचायत और कलेक्टर की चौखट पर आकर उसने खुद के जीवित साबित होने की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बुजुर्ग का कहना है कि उसकी जमीन हड़पने के लिए उसे दस्तावेजों में मृत घोषित किया गया और जमीन हथिया ली गई। अब 2 साल से वह सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई उसे जीवित ही नहीं मान रहा। यहां तक कि ग्राम पंचायत द्वारा प्रमाण पत्र भी जारी किया गयाच लेकिन उसे भी नकारा जा रहा है।
हल्केवीर ने नरसिंहपुर कलेक्टर रोहित सिंह के सामने खड़े होकर कहा कि साहब बताओ मैं जिंदा हूं या मृत हूं। जिसे सुनकर कलेक्टर भी चौंक गए और हैरान रह गए। बुजुर्ग की आपबीती तत्काल गाडरवारा क्षेत्र के एसडीएम को पूरे मामले को संज्ञान में लेकर दस्तावेजों की जांच एवं दोषी पटवारी के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए। वहीं बुजुर्ग की सहूलियत और उसकी नाम की जमीन उसे से वापस कराने के आदेश जारी किए। अब यह देखने वाली बात होगी कि एक जीते जाते इंसान को कब दस्तावेजों में जीवित किया जाता है।