Homeजबलपुररांझी के गल्र्स छात्रावास में लडक़ों की घुसने का मामला गर्माया

रांझी के गल्र्स छात्रावास में लडक़ों की घुसने का मामला गर्माया

जबलपुर। शहर के सरकारी बालिका छात्रावास में रात में छात्रों के घुसने का मामला सामने आया है। इस मामले का खुलासा जांच टीम के छात्रावास पहुंचने पर हुआ। घटना का खुलासा होने के बाद छात्रावास की छात्राओं को आनन-फानन में जबरन घर भेज दिया गया है। रांझी के गल्र्स छात्रावास में लडक़ों की घुसने के मामले में कलेक्टर ने अधिकारियों को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे के अंदर कार्रवाई चाहिए। वहीं आदिवासी कल्याण विभाग मामले में लीपापोती करने में जुटा है।
शासकीय बालिका छात्रावास में रात में छात्रों के घुसने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। घटना 7 मार्च की बताई गई है। बालिका छात्रावास में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था एवं सिक्योरिटी गार्ड तैनात होने के बाद भी इस तरह की घटना घटित होने से सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जाता है कि घटना का खुलासा होने के बाद आनन फानन में छात्रों को घर भेजा गया। वहीं मामले को दबाने में हॉस्टल प्रबंधन जुट गया है।
मामला रांझी के शासकीय आवासीय छात्रावास का है। आज जांच टीम घटनास्थल पहुंची थी। वहीं मामले का उजागर होने के बाद हॉस्टल अधीक्षक पर भी संलिप्तता के आरोप लग रहे हैं। छात्रावास में कक्षा छठवीं से कक्षा 12वीं तक की छात्राओं के लिए रहने की व्यवस्था है। वर्तमान में 250 से ज्यादा छात्राएं छात्रवास में रह रही है। वहीं समीप के बालक छात्रावास में लगभग 270 छात्र भी रहते हैं। जब कुछ लडक़े बॉयज हॉस्टल से निकलकर गल्र्स हॉस्टल में घुसे और ऊपर की छत पर पहुंचकर छात्राओं तक पहुंचने की कोशिश की। यही नहीं खबर यह भी आ रही है कि कुछ लडक़ों ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ भी की है। फिलहाल इस घटना में तीन लडक़ों को पहचान कर ली गई है।
लीपापोती की कोशिश
शहर में इतनी बड़ी घटना घटने के बाद भी आदिवासी कल्याण विभाग इस मामले की लीपापोती में करने में जुटा हुआ है। विभाग का कहना है कि वह 7 दिन में इस मामले की रिपोर्ट देगा, लेकिन जब इस मामले में कलेक्टर इलैया राजा टी से बात की तो उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए 24 घंटे के अंदर इसकी रिपोर्ट के साथ कार्रवाई करने की निर्देश दिए हैं.
गार्ड की तैनाती के बाद कैसे घुसे छात्रावास में लडक़े
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बालिका और बालक छात्रावास में अलग-अलग गार्ड की तैनाती रहती है। इसके बावजूद बालक छात्रावास से लडक़े निकलकर बालिका छात्रावास में पहुंच गए। यानी कि एक नहीं बल्कि दो-दो स्तर से लापरवाही बल्कि भारी लापरवाही बरती गई है।
गोलमोल जवाब दे रहा है छात्रावास प्रबंधन
बायस छात्रावास के अधीक्षक राजेश सोनी का कहना है कि वह खुद इस मामले को लेकर आश्चर्यचकित हैं कि आखिर लडक़े बालक छात्रावास से निकलकर लड़कियों के छात्रावास में कैसे पहुंच गए। वहीं गल्र्स छात्रावास की अधीक्षक सरिता चौधरी का कहना है कि यदि बॉयस छात्रावास से लडक़ों को नहीं निकलने दिया जाता तो वह गल्र्स छात्रावास तक पहुंच ही नहीं पाते और यह घटना कभी नहीं कटती।
600 से ज्यादा छात्रों की रहने की है कैपेसिटी
रांझी के इस आवासी छात्रावास में लडक़ा लडक़ी मिलाकर 600 से ज्यादा बच्चों की रुकने की व्यवस्था है वर्तमान में इस छात्रावास में 570 बालक, बालिकाएं ठहरे हुए हैं. यह छात्रावास छठवीं से 12वीं की छात्राओं के लिए बनाया गया है यहां पर मंडला डिंडोरी नरसिंहपुर जैसे आसपास के जिले से छात्राएं यहां आकर रूकती हैं।

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