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प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अर्चना जायसवाल को अचानक हटाया, भाजपा को मिला मौका

गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का तंज, खराबी इंजन में है लेकिन डिब्बे बदले जा रहे
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में लगता है सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। गुटबाजी और कई खेमों में बंटी कांग्रेस के लिए 2023 का विधानसभा चुनाव बड़ी चुनौती बना हुआ है। हालिया गुटबाजी और सिर फुटौव्वल से तो यही लग रहा है कि कांग्रेस में एकजुटता नहीं है। यह बात खुद दिग्विजय सिंह कह चुके हैं कि यह आखिरी चुनाव है। इसके बाद कांग्रेस कभी सत्ता में नहीं आ पाएगी। कार्यकर्ता भी मिलना मुश्किल हो जाएगा।
इस बीच हैरान करने वाली खबर यह भी सामने आई कि प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अर्चना जायसवाल को एआईसीसी ने हटा दिया है। उनकी नियुक्ति को मुश्किल से सात-आठ महीने ही हुए थे, लेकिन अचानक उन्हें पद से हटा दिया गया। सूत्र बताते हैं कार्यकारिणी विवाद के बाद एसआईसीसी ने यह फैसला लिया है। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव ने कार्यकारिणी में हुए विवाद के बाद प्रदेश महिला कांग्रेस को भंग कर सिर्फ चार प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए हैं।
दरअसल 30 जनवरी को अर्चना जायसवाल ने महिला कांग्रेस की नई कार्यकारिणी बनाई थी। इसके बाद प्रदेश और जिला कार्यकारिणी को लेकर विवाद शुरू हो गया। वहीं भोपाल में हुई कांग्रेस की बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर 24 फरवरी तक रिपोर्ट पेश नहीं की गई तो 25 फरवरी को उन कार्यकर्ताओं को हटा दिया जाएगा। लेकिन 25 फरवरी से पहले ही कांग्रेस में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष को भी हटा दिया गया। हालांकि नूरी खान, रश्मि भारद्वाज, कविता पांडे, जमुना मरावी महिला कांग्रेस में उपाध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी।
कांग्रेस में चल रही इस उठापटक पर भाजपा भी तंज कस रही है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस एक ऐसी अद्भुत पार्टी है जहां खराबी इंजन में है लेकिन डिब्बे बदले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी ने पूरी कांग्रेस को ही घर बैठा दिया है। बहरहाल जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे राजनीतिक बयानबाजी और तेज होती जाएगी। देखना यह भी होगा कि कांग्रेस इस गुटबाजी से कैसे उबर पाती है।

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