जबलपुर। ओबीसी आरक्षण पर इन दिनों राजनीति गर्म है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में यह रणनीति बनाई कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी का डाटा प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का सरकार का फैसला उचित ठहराया जाए। ओबीसी आरक्षण मामले पर अब राज्य सरकार पूरी सतर्कता के साथ कदम उठा रही है। पंचायत चुनाव आरक्षण मामले पर तीन जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना है। राज्य सरकार चाहती है कि इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सामने मध्यप्रदेश में ओबीसी मतदाताओं का पूरा डाटा रखा जाए। इसकी कवायद पूरे प्रदेश में शुरू हो चुकी है।
मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन पहुंच जबलपुर
इसके लिए मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की दो सदस्यीय टीम अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन के नेतृत्व में प्रदेश के सभी जिलों का दौरा कर रही है। प्रत्येक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ओबीसी मतदाताओं का डाटा इका किया जा रहा है। आयोग की यह टीम ओबीसी मतदाताओं की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का भी पता लगा रही है। तमाम डाटा इका करने के बाद आयोग अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगा और उसके बाद ओबीसी मतदाताओं की पूरी संख्या और उनकी स्थिति की जानकारी सुप्रीम कोर्ट में तीन जनवरी को प्रस्तुत की जाएगी। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने जबलपुर में आयोग के सदस्यों की एक बैठक ली। उन्होंने ओबीसी वर्ग से संबंधित जानकारी हासिल की। बैठक में उन्होंने आयोग के द्वारा तय किए गए दिशा निर्देशों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि इस डाटा के माध्यम से राज्य सरकार ओबीसी को उनका अधिकार दिलाने की पैरवी करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी रिजर्वेशन पर यह आंकड़े पेश करेगी शिवराज सरकार
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