बालाघाट। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार नक्सलवाद जैसे गंभीर मुद्दे के समाधान के प्रयास में है। यही वजह है कि जब पीएम स्वनिधि वितरण के मौके पर खुद मुख्यमंत्री बालाघाट पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ 158 करोड़ के निर्माण का भूमिपूजन और शिलान्यास किया, बल्कि 300 करोड़ की योजनाओं पर मंथन किया। शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि बालाघाट का सर्वांगीण विकास हमारा लक्ष्य है। यह कैसे आगे बढ़े, इसके लिए हमने अधिकारियों की टीम के साथ गम्भीरतापूर्वक विचार-विमर्श किया है। खेती, खनिज संपदा पर आधारित उद्योग, सडक़ें, पेयजल, कनेक्टिविटी, धान मिलिंग जैसे पहलुओं पर विचार किया गया है। इसमें शहरी व ग्रामीण विकास सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि नक्सल जैसी समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए उपाय सरकार कर रही है। नक्सल प्रभावित इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करने की उसकी योजना है। गौरतलब है कि बालाघाट में नक्सल समस्या बहुत पुरानी है। इसके अलावा मंडला में भी नक्सली वारदातें हुई हैं, जिससे सरकार अब यहां सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाने वाली है।
मंडला-बालाघाट में बढ़ेगा सुरक्षा बल
शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की। जब उन्हें बताया गया कि बालाघाट में सुरक्षा बलों की कमी है, तो उन्होंने कहा कि मंडला-बालाघाट में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। नई भर्तियां की जाएंगी। जाहिर है प्रदेश सरकार नक्सलवाद पर लगाम लगाने के लिए हरसंभव उपाय करने पर विचार कर रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास से नक्सलवाद खत्म करने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज किया जाएगा। इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। रोजगार मिलने से युवक नक्सलियों के झांसे में नहीं आएंगे। इसके पहले बालाघाट में हुए इन्वेस्टर्स समिट में मुख्यमंत्री वर्चुअल शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि उनकी इन्वेस्टर्स से चर्चा हुई है। कई उद्योगपति यहां उद्योग लगाने के लिए तैयार हैं। बालाघाट का चावल दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसके अलावा वन व खनिज संपदा के यहां भंडार हैं। ऐसे में बहुत संभव है कि प्रदेश सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित करने में सफल हो जाए।
300 करोड़ खर्च करेगी प्रदेश सरकार
प्रदेश सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए 300 करोड़ की राशि खर्च करने की तैयारी में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के हर प्रयास करने की तैयारी है। साथ ही रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।