Homeजबलपुरखुद को आरटीओ का आका समझने लगे संतोष पॉल.. भ्रष्टाचार चरम पर

खुद को आरटीओ का आका समझने लगे संतोष पॉल.. भ्रष्टाचार चरम पर

जबलपुर। आरटीओ यानि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा हमेशा से रहा है। ऐसे में अगर एक ही आरटीओ के पास कई जिलों का प्रभार हो, तो फिर वह खुद को यहां का आका तो समझेगा ही। कुछ ऐसा ही हो रहा है जबलपुर आरटीओ में। यहां वर्षांे से आरटीओ संतोष पाल डटे हुए हैं। ऐसे में उनकी सैटिंग भी तगड़ी हो गई। उनके पास कटनी, सिंगरौली समेत कई जिलों का प्रभार है। बहरहाल परिवहन मंत्री भले ही कहें कि अब सब कुछ ऑनलाइन है। लाइसेंस से लेकर सारी प्रक्रिया के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। लेकिन कम से कम जबलपुर में तो वस्तुस्थिति कुछ और ही है। यहां लाइसेंस से लेकर अन्य कामों में दलाली हावी है। कई दुकानें ऐसी खुल हुई हैं, जिनमें आरटीओ के सारे काम होते हैं, लेकिन उनके रेट फिक्स होते हैं। पंजीयन से लेकर लाइसेंस बनाने तक के रेट फिक्स हैं। अगर लाइसेंस बनवाना हो तो 3 से 5 हजार तक देना होगा। ऐसे में यह भ्रष्टाचार की रकम किसके जेब में जा रही है, इसका अंदाजा लगाना बहुत आसान है।
आरटीओ संतोष पॉल ने धमकाया.. ऑटो में गांजा रखकर भिजवा देंगे जेल
जबलपुर आरटीओ संतोष पॉल का एक विवादित वीडियो भी सामने आया है। वसे ऑटो चालक को उसके ऑटो में गांजा रख कर जेल भिजवाने की धमकी दे रहे हैं। संतोष पॉल ने पुलिस महकमे पर भी गंभीर आरोप जड़ दिए। उन्होंने कहा कि जिस तरफ पुलिस 25 आम्र्स एक्ट के झूठे मामले लगाती है, उसी तरह हम भी ऑटो में गांजा रख कर जेल भिजवा देंगे। जबलपुर के आरटीओ कार्यालय में एक भुक्तभोगी ने यह वीडियो बनाया। संभवत: उसके ऑटो को छोडऩे की बात पर आरटीओ संतोष पॉल ने यह धमकी दी हो।
.. तो दिल्ली की तर्ज पर डाल दो ताला
इसी साल अगस्त में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में आरटीओ के कार्यालय में ताला जड़ दिया। इसके साथ ही सरकार ने सारी सेवाएं ऑनलाइन कर दीं। सरकार का तर्क था कि आरटीओ भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा केंद्र बन चुका है। ऐसे में इस कार्यालय को बंद कर ऑनलाइन सेवाएं देकर भ्रष्टाचार पर प्रहार किया जा सकता है। मप्र की सरकार ने ऐसा ही कुछ करने का प्रयास किया, लेकिन यह रस्म अदायगी ही निकला। परिवहन मंत्री के सारे दावे खोखले निकले। ऐसे में अगर को लुटने से बचाना है तो आरटीओ में तालाबंदी की जरूरत है।

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