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भ्रष्टाचार के नए-नए कीर्तिमान बनाते रहे संतोष पॉल, राजनीतिक रसूख ने बचाए रखा

जबलपुर। लंबे समय से जबलपुर में जमे आरटीओ संतोष पाल आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। ये वही संतोष पाल हैं, जिन्होंने आरटीओ कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। कई बार जनता की आवाज उठी, वाहन चालकों ने अवैध वसूली के आरोप लगाए, लेकिन शासन-प्रशासन की कानों में जूं तक नहीं रेंगी। यही वजह है कि संतोष पाल भ्रष्टाचार के नए-नए कीर्तिमान बनाते रहे। ईओडब्ल्यू की टीम ने जब दबिश दी, तो आरटीओ का आलीशान बंगला देखकर पैरों तले जमीन खिसक गई। हवेलीनुमा आलीशान बंगला और सजावट देखकर टीम के सदस्य दंग रह गए। बंगले की नक्काशी और डेकोरेशन देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। आरटीओ संतोष पाल और उनकी लिपिक पत्नी रेखा पाल के पास आय से 650 गुना ज्यादा संपत्ति मिली है। शताब्दीपुरम और विजयनगर में उनके पास 10,000-10,000 वर्गफीट के आलीशान मकान हैं। इसके अलावा डेढ़ एकड़ का फार्म हाउस, जमीन और प्लाट के दस्तावेज मिले हैं। घर में मिनी थिएटर, लाखों का बॉथ टब और ऐशो-आराम के सामान देखकर टीम भी दंग रह गई।
आरटीओ संतोष पाल पहले भी विवादों में रहे, लेकिन राजनीतिक रसूख ने उन्हें बचाए रखा। उनके कार्यकाल में भाजपा सरकार रही, कांग्रेस आई और फिर भाजपा की सरकार बनी, लेकिन उन्हें कोई टस से मस नहीं कर पाया। एक साल पहले एक गरीब ऑटो चालक की गाड़ी में पुलिस की तर्ज पर गांजा रखने की धमकी आरटीओ संतोष पॉल ने दी थी। हंगामा बरपा लेकिन उनके इस हिटलरी अंदाज पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। खुद एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने कहा था कि पुलिस को बदनाम करने पर हम जांच करेंगे और कार्रवाई भी होगी, लेकिन बयानबाजी से आगे कुछ नहीं हो पाया। इसके बाद ट्रक चालकों ने भी खुलेआम अवैध वसूली के आरोप लगाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पूर्व मंत्री हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने भी आरटीओ के भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला, लेकिन उनकी आवाज भी सरकार के कानों तक नहीं पहुंच पाई। अब ईओडब्ल्यू के शिकंजे में फंसे संतोष पॉल क्या जेल जाएंगे या उनके आका बचा लेेंगे, यह देखने वाली बात होगी?
प्रदेश में धनकुबेर सिर्फ आरटीओ संतोष पॉल ही नहीं हैं, कई ऐसे अफसर हैं, जिन्होंने जनता को लूटकर अपना घर भरा है। लेकिन सवाल यही है कि ऐसे धनपिशाचों को जेल पहुंचाने या जनता को लुटने से बचाने का कोई उपाय है..? केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आरटीओं को दलालों का अड्डा बता चुके हैं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार का अड्डा बता चुके हैं। लेकिन जनाब ये भारत है.. यहां भ्रष्टाचार खुलेआम होता है और भ्रष्टाचारी भी रक्तबीज की तरह बढ़ते जाते हैं। कुल मिलाकर व्यवस्था सड़-गल चुकी है.. भ्रष्टाचार-घूसखोरी अब आम हो गई है। ऐसे में लुटना तो जनता को ही है। हां ऐसे भ्रष्टाचारी जनता को भी लूटेंगे और लाखों रूपए का वेतन-भत्ता भी उठाएंगे।

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