जबलपुर। अवैध रेत का कारोबार न कभी थमा है और न ही थमेगा। ये कल भी होता था, आज भी हो रहा है और आगे भी होता रहेगा। चाहे बारिश हो या ठंड या फिर गर्मी.. रेत खनन तमाम प्रतिबंधों के बाद भी जारी रहता है। सरकार भले ही प्रतिबंध लगाए, या फिर कड़ा लॉकडाउन ही क्या न लगा दे.. रेत का अवैध परिवहन नहीं रूकता। हां, रेत माफिया नए-नए तरीके जरूर ईजाद कर लेते हैं। ऐसे ही तरीकों में अब खनन माफिया आफिस के टाइम में रेत खनन नहीं करता। यानि कि 10 बजे से लेेकर शाम 5 बजे तक यहां पर खनन नहीं होता। शाम 5 से लेकर सुबह 9-10 बजे ही खनन का पूरा काला कारोबार होता है।
जबलपुर की बरगी विधानसभा में आने वाले नर्मदा के वैध व अवैध घाटों से रेत के अवैध खनन पर लगी रोक के बावजूद रेत का अवैध खनन बेख़ौफ़ जारी है। इसकी बानगी देखने मिली जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सालीवाड़ा के केवलारी घाट पर जहां पर खेत के बीच रास्ता तैयार कर दबंग बेख़ौफ़ होकर रेत का धड़ल्ले से परिवहन कर रहे है। इस पर रोक लगाने स्थानीय ग्रामीण जिला प्रशासन से शिकायत कर मांग कर रहे हैं। जो रेत का अवैध खनन किया जा रहा है उस पर तत्काल रोक लगाई जाए, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी न तो थाना बरगी पुलिस ध्यान दे रही है और न ही जिला प्रशासन के जिम्मेदार। ऊबड़ खाबड़ दुर्गम रास्ते पर खनन माफिया के वाहन दौड़ते हैं और कई गांवों के रास्तों को ये बर्बाद कर चुके हैं। जब कोई आता है तो अपना साजो सामान छोड़ कर मौके से जंगल मे गुम हो जाते हैं।
रेत माफिया हो गए सयाने या कर ली सैटिंग.. ऑफिस टाइम में नहीं करते खनन
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