विद्युत नियामक आयोग की 10 मार्च को होने वाली जनसुनवाई का होगा बहिष्कार
जबलपुर। मध्य प्रदेश की तीनों विधुत वितरण कंपनियों ने अपना घाटा पूरा करने के लिए घरेलू- कमर्शियल और औद्योगिक बिजली की दरों में लगभग 8 से 10त्न के इजाफे के साथ प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंपा है, इस प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग आगामी 8-9 एवं 10 मार्च को सुनवाई करने वाला है,पर नियामक आयोग की सुनवाई शुरू होने से पहले ही उसका विरोध होना शुरू कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश में नागरिक उपभोक्ता मंच सहित करीब एक दर्जन से ज्यादा सामाजिक संगठनों ने विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है, सामाजिक संगठनों ने आज जबलपुर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि कोरोना काल में प्रदेश के लाखों परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं कई परिवार तो ऐसे हैं जिनकी नौकरी तक छिन गई,ऐसे समय में बिजली के दाम बढ़ाने पर आम जनता के ऊपर एक अतिरिक्त भार पड़ेगा लिहाजा अभी बिजली की दर ना बढ़ाई जाए,नागरिक उपभोक्ता मंच के संयोजक डॉ पी.जी नाजपाण्डे ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग जो जनसुनवाई 8 से 10 मार्च तक के लिए आयोजित कर रही है वह यह बता रहा है कि बिजली के दामों की बढ़ाए जाने की तैयारी कंपनियां ने कर ली है,इसको लेकर सामाजिक संगठन इस जनसुनवाई का बहिष्कार करेंगे…….
विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई के विरोध में आज नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस, वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन, पेंशनर संघ, महिला समिति,किसान संघ, सीनियर सिटीजन एसोसिएशन,क्षत्रिय समाज, आरटीआई महासंघ के पदाधिकारियों ने जनसुनवाई में शामिल न होने का एलान किया है।