Homeमध्यप्रदेशमप्र में क्या गहराया बिजली संकट.. क्या कर रही शिवराज सरकार..?

मप्र में क्या गहराया बिजली संकट.. क्या कर रही शिवराज सरकार..?

जबलपुर। मध्यप्रदेश के कई जिलों में बिजली संकट गहरा गया है। ऐसे में सभी के मन में यही सवाल है कि आखिर सरप्लस बिजली वाले प्रदेश में बिजली का संकट क्यों गहरा गया। दरअसल बारिश न होने से बांधों में पानी कम है, जिससे बिजली का उत्पादन कम हुआ है। इसके अलावा मौसम की दगाबाजी से गर्मी में इजाफा हुआ है, तो जाहिर सी बात है कि बिजली की डिमांड भी बढ़ी है। यही वजह है कि मांग के अनुरूप आपूर्ति करने में बिजली विभाग गच्चा खा गया। इसी का परिणाम है कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थिति ठीक नजर आ रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में घोषित के साथ ही अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। बारिश कम होने से किसानों को भी सिंचाई करनी पड़ रही है, जिससे ऐन बरसात के सीजन में बिजली की मांग अचानक बढ़ गई। साथ ही शहरी क्षेत्रों में कूलर-एसी चलने से बिजली की मांग गर्मी के दिनों जैसे ही बन गई है। बहरहाल प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने पहले तो बिजली संकट को नकारने का प्रयास किया, लेकिन अब सरकार का कहना है कि बिजली संकट से निपटने के लिए वह कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित कर चुकी है।
ये है बिजली उत्पादन की स्थिति
प्रदेश की कई इकाइयों में बिजली उत्पादन कम हुआ है। सारणी प्लांट में करीब 5 यूनिट ठप पड़ी हुई हैं। सिर्फ एक 11 नंबर की यूनिट से ही बिजली का उत्पादन हो रहा है। यही हालात अन्य प्लांटों के भी हैं। अमरंकट में स्थिति ठीक नजर आ रही है। यहां 218 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जबकि क्षमता 210 यूनिट की है। वहीं विरसिंहपुर में आधे से कम उत्पादन हो रहा है। सारणी में 1330 यूनिट की क्षमता है, लेकिन उत्पादन सिर्फ 255 यूनिट का ही हो पा रहा है। यही स्थिति सिंगाजी पावर प्लांट की भी है, जहां 2520 यूनिट में से सिर्फ 1051 यूनिट का ही उत्पादन हो पा रहा है।
कोयला आने से संकट टलने के आसार
मप्र में पिछले 24 घंटों की अगर बात करें तो सिर्फ 36 प्रतिशत ही बिजली उत्पादन हुआ है। प्रदेश के पावर जनरेटिंग कंपनी ने कोल इंडिया को करीब 150 करोड़ का भुगतान कर दिया है, जिससे उम्मीद है कि आने वाले एक-दो दिनों में बिजली का उत्पादन यथावत हो जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी माना कि प्रदेश में बारिश कम होने से नर्मदा नदी में बने बांधों में पानी का जलस्तर कुछ कम है, इसलिए यहां से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। उनका साफ कहना था कि बिजली की कोई कमी नहीं है। प्रदेश सरकार जनता को पर्याप्त बिजली देगी।

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