विक्टोरिया में भ्रष्टाचार की खुली पोल, 8 हजार रूपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया बाबू

जबलपुर। जिला अस्पताल यानि विक्टोरिया अस्पताल में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। यहां एक बाबू 8 हजार रूपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया है। आवेदक विनोद आकोटकर पिता बावन राव अकोटकर ने अपनी जीपीएफ राशि निकालने के लिए प्रयास किए तो नीरज मिश्रा उर्फ बबलू, सहायक ग्रेड 3 जिला चिकित्सालय विक्टोरिया उनसे रिश्वत की मांग करने लगा। दोनों के बीच 8 हजार रूपए में सौदा तय हुआ। आवेदक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर से कर दी। फिर क्या था दिनांक 12/ 10/22 को जिला चिकित्सालय विक्टोरिया जबलपुर के लेखा शाखा में आरोपी बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने 8 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। ट्रैप दल में निरीक्षक स्वप्निल दास, निरीक्षक श्रीमती मंजू किरण तिर्की, कमल सिंह दल के अन्य सदस्य शामिल रहे।
निजाम बदला, लेकिन ढर्रा नहीं
विक्टोरिया में कई सालों तक डॉ. मुरली अग्रवाल सीएमएचओ रहे। तब यहां भ्रष्टाचार का खुला खेल चलता रहा। शिकायतें हुईं लेकिन सालोंसाल उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाया। जैसे ही वे गए तो डॉ. रत्नेश कुररिया और डॉ. संजय मिश्रा के बीच चूहा-बिल्ली का खेल चलता रहा। भोपाल मुख्यालय से कई बार सीट कभी इस ओर तो कभी उस ओर झूलती रही। लेकिन डॉ. रत्नेश कुररिया ने इसमें बाजी मारी और वे सीएमएचओ की कुर्सी पर जमे रहे। लेकिन उनके जाने के बाद अब भी कोई खास बदलाव नहीं आया है और अब भी भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। अब देखना होगा कि सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा अपने कार्यकाल में इन धांधलियों पर रोक लगा पाते हैं या नहीं।

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