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परोहा डेवलपर्स ने “ताजमहल” जैसी हाई राइज बिल्डिंग तो बना दी, सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए

जबलपुर। विजय नगर में शहर की सबसे ऊंची बिल्डिंग बनकर तैयार खड़ी है। बताया जाता है कि यह 17 मंजिला बिल्डिंग है, जिसमें विश्वस्तरीय सुविधाएं हैं। छत पर हेलीकाप्टर उतर सकता है। सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम रहने वाले हैं। सुरक्षा गार्ड से लेकर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था होगी.. लेकिन सवाल यह है कि जो मजदूर काम कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं। क्या इन्हें बगैर इंतजाम के मरने के लिए छोड़ दिया गया है। अब तक यहां 2 मजदूरों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है। परोहा डेवलपर्स के विजन जबलपुर बिल्डिंग का विजन सवालों के घेरे में है। करोड़ों-अरबों रूपए इन्वेस्ट कर यहां करोड़पतियों के लिए सभी व्यवस्थाएं हैं, लेकिन गरीब मजदूर, जो खून-पसीना बहाकर इस बिल्डिंग को तैयार कर रहे हैं, उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ रही है। यह स्थिति उस ताजमहल जैसी है, जिसके मजदूरों ने नायाब बिल्डिंग तो बनाई, लेकिन बदले में उन्हें मौत ही नसीब हुई।
दो मजदूरों की हो चुकी मौत
परोहा डेवलपर्स की ओर से बनाई जा रही हाई राइज बिल्डिंग में दूसरी बार हादसा हुआ है। बिल्डिंग से गिरकर दमोह निवासी मजदूर रतन ठाकुर की दर्दनाक मौत हो गई। इसके पहले परोहा हाई राइज बिल्डिंग से गिरकर महिला की हो चुकी है मौत। विजय नगर पुलिस जांच में जुटी है। लेकिन सवाल यही कि क्या इतने बड़े बिल्डर एमडी मोहन परोहा और सोहन परोहा पर पुलिस का शिकंजा कस पाएगा।
दावा निकले खोखले
लंदन से लौटकर आए बिल्डर मोहन परोहा दावा करते रहे हैं कि उनकी इस 17 मंजिला बिल्डिंग पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं। मजदूरों को बेहतर व्यवस्थाओं के साथ ही बेहतर भोजन दिया जाता है। लेकिन ये दो हादसे साबित कर रहे हैं कि बिल्डर के दावे खोखले हैं। दमोह निवासी मृतक रतन ठाकुर यहां मजदूरी करता था। रात में उसने अपने साथी पंचू अहिरवार के साथ खाना खाया। रतन सोने के लिए चला गया। लेकिन सुबह लगभग साढ़ 10 बजे उसका शव इमारत के नीचे पड़ा मिला। इन संदिज्ध परिस्थितियों में हुई मौत से सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या मजदूर गिरा या फिर उसकी हत्या हुई, यह बड़ा सवाल है। अब पुलिस को इन गुत्थियों को सुलझाना चाहिए।

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