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ओबीसी आरक्षण पर बयानबाजी पर मुख्यमंत्री, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री को नोटिस

जबलपुर। 10 करोड़ की मानहानि नोटिस मामले में सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री भूपेंद्र सिंह को नोटिस जारी किए गए हैं। दरअसल ओबीसी आरक्षण रद्द करवाने के बीजेपी के आरोप वाले बयान पर विवेक तन्खा ने नोटिस भेजा था। लेकिन तीनों की ओर से माफी नहीं मांगी गई। रा’यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा के 10 करोड़ के मानहानि के नोटिस के मामले में कोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 25 फरवरी को की जाएगी।
ओबीसी रिजर्वेशन वाले बयान को लेकर है विवाद
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के मामले में 17 दिसंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने विवेक तन्खा पर यह आरोप लगाया था कि विवेक तन्खा के कारण ही पंचायत चुनाव में ओबीसी का आरक्षण रद्द हुआ है। बीजेपी ने इस मामले में विवेक तन्खा पर हमलावर होते हुए कई बार आरोप लगाए थे कि विवेक तंखा ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर न केवल पंचायत चुनाव रूकवाया है, बल्कि ओबीसी का आरक्षण भी रद्द करवाया है। इसी को लेकर विवेक तन्खा ने बीजेपी को 10 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा था।
यह है नोटिस में
वकील वाजिद हैदर ने बताया कि विवेक तन्खा ने सरकार को नोटिस भेजते हुए कहा था कि बीजेपी और रा’य सरकार या तो वह इस बात को प्रूफ करें कि विवेक तन्खा ने कोर्ट से ओबीसी का आरक्षण रद्द करवाया है या फिर बीजेपी उनसे अपने बयान के लिए माफी मांगे। वरना उसे 10 करोड़ रुपए मानहानि के रूप में उन्हें देना होगा। सरकार की ओर से कोई जवाब न आने पर विवेक तन्खा ने इस मामले में जबलपुर सेशन कोर्ट में क्रिमिनल केस और सूट सिविल सूट लगाया था, जिस पर सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई

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