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बीते साल पत्नियों ने खूब सताया, तो जिले के 16 हजार में 12 हजार पति पहुंच गए कार्ट

जबलपुर। कोरोनाकाल में हुईं शादियां सादगी से हुईं और कम खर्च में शादी-ब्याह निपट भी गए। लेकिन यही शादियां आगे चलकर विस्फोटक होती गईं और हालत बदतर होने लगे। वर्ष 2021 कुल मिलाकर पत्नी प्रताडि़त पतियों के नाम रहा। परिवार परामर्श केंद्र जबलपुर में इस वर्ष पतियों द्वारा अपनी पत्नी से प्रताडि़त होकर सर्वाधिक शिकायतें दर्ज कराई गईं। जबलपुर जिले में हुईं करीब 16 हजार शादियों में से 12 हजार शादियां टूटने के कगार पर पहुंच गई हैं। यानि कि मतलब साफ है कि पत्नियों की ख्वाहिशें पूरी नहीं हुईं और पति भी उनकी इच्छाओं और जरूरतों की पूर्ति करने में नाकाम रहे। नतीजा अधिकांश ने कोर्ट की राह पकड़ ली और रिश्ता खत्म करने की ठान ली।
यह है स्थिति
परामर्श केंद्र के सलाहकार अंशुमान शुक्ला ने बताया कि इस वर्ष लगभग 16 हजार शादियां जिले में हुई हैं। इनमें से लगभग 12 हजार मामले न्यायालय में पहुंच गए। इनमें 62 प्रतिशत शिकायतें पति द्वारा परामर्श केंद्र में दर्ज कराई गईं। वहीं 15 प्रतिशत शिकायतें सास द्वारा दर्ज कराई गईं। साथ ही बची शिकायतें पत्नियों ने अपने पति के खिलाफ संबंधित थाने में दर्ज कराईं।
जल्दबाजी में हुईं शादियां, आर्थिक तंगी ने तोड़ा घर-परिवार
अंशुमान शुक्ला ने कहा कि जिस तरीके से कोरोना काल में जो शादियां हुई हैं उनमें जल्दबाजी और आर्थिक तंगी, बेरोजगारी इसका मुख्य कारण है। पत्नियों को लगता है कि उसकी विवाह के बाद उसकी सारी मनोकामनाएं इच्छाएं पति पूर्व से ही करेगा। लेकिन जब पति पूर्ति नहीं कर पाता, तो ऐसी महिलाएं शिकायत लेकर संबंधित थाने पहुंच जाती हैं। यह बहुत गंभीर ंितन का विषय है। इस वर्ष सबसे ज्यादा शिकायतें पति द्वारा अपनी पत्नी के खिलाफ की गई। उनका यह भी कहना है कि यह कोरोना से बड़ा विस्फोट है।

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