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ओमिक्रोन को ढूंढते रह जाओगो.. जब तक पता चलेगा वह मेहमानवाजी कर जा चुका होगा..!

भोपाल। देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। विशेषज्ञ तीसरी लहर के लिए ओमिक्रोन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, लेकिन हैरत की बात तो यह है कि इस वायरस के सैंपल की जांच के लिए देश में व्यापक इंतजामात नहीं हैं। मध्य प्रदेश में ही इसकी कोई मशीन नहीं है। यानि कि सैंपल दिल्ली भेजे जाते हैं। दिल्ली से सैंपल आने में करीब-करीब एक माह तो लग ही जाते हैं। लेकिन तब तक या तो मरीज ठीक हो चुका होता है या कई लोगों को अपनी चपेट में ले चुका होता है। यानि यह कहना सही होगा कि हम ओमिक्रोन को ढूंढते रह जाएंगे, लेकिन वह हमारे शहर, मोहल्ले और घर से मेहमानी कर जा चुका होगा और हमें इसकी भनक भी नहीं लग पाएगी। याद कीजिए डेल्टा के समय भी ऐसा ही हुआ था। जब तक नए वैरिएंट का पता चल पाता, तब तक तबाही मच चुकी थी।
सबसे तेज होगी तीसरी लहर.. यानि पिछली बार से ज्यादा बरतें एहतियात
कभी 30-40 तो कभी 25-30 यह आंकड़े बीते माह मध्यप्रदेश के हैं, जब कोरोना शांत था, तीसरी लहर थम चुकी थी। लेकिन अब जो आंकड़े आ रहे हैं, वे डरा रहे हैं। कुछ ही दिन में कई गुना मरीज मिलना हमारे लिए भी खतरे की घंटी है। प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 1500 को पार कर गया है। आने वाले दिनों में 2500 से लेकर 5000 तक की छलांग कब लग जाएगी, पता ही नहीं चलेगा। ऐसे में जरूरी है कि हम भी एहतियात बरतें। यानि कि पिछले साल दूसरी लहर में जब हमने सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने, हाथों को सैनिटाइज करने के उपाय फिर से अपनाने होंगे। सरकार भले ही अभी लॉकडाउन न लगाए, लेकिन हमें सामाजिक व शारीरिक दूरी अपनाना जरूरी है। जहां तक संभव हो, सैरसपाटे से दूर रहें, अनावश्यक यात्राएं न करें। सामाजिक मेल-जोल से दूरी बनाएं। क्योंकि इस बार कोरोना की तीसरी लहर सबसे तेज है और व्यापक भी। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसका पीक 25-30 दिन में आ जाएगा। लेकिन अभी शुरूआती दौर से लेकर पीक के 2-3 महीने बाद भी संभलकर रहना जरूरी है।
पिछली बार का टूटेगा रिकॉर्ड, 20-25 हजार तक केस आ सकते हैं
महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल में कोहराम मचाने के बाद मध्यप्रदेश में भी तीसरी लहर की आमद हो चुकी है। अभी शुरूआती दौर में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में ज्यादा केस मिल रहे हैं। लेकिन अन्य जिले भी जद में आ चुके हैं। यानि कि यह तय है कि कोरोना का फैलाव पूरे प्रदेश में बड़ी तेजी से होगा और हालात संभालना सरकार और प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाएगा। विशेषज्ञों की मानें तो तीसरी लहर का पीक 25 से 30 जनवरी के बीच में रहेगा। इस दौरान प्रदेश में हर दिन 20-25 हजार तक केस प्रतिदिन आ सकते हैं।

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