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जबलपुर में कमलेश अग्रवाल को मौका, इंदौर से स्वाति काशिद का टिकट कटा

भोपाल। भाजपा-कांग्रेस ने आखिरकार पार्षद पद के प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। लेकिन इस ऐलान के बाद जबलपुर में खामोशी से एक बदलाव हो गया तो इंदौर में बवाल के बाद भाजपा को अपने कदम वापस लेने पड़े। बरहाल अभी तो टिकट की घोषणा हुई है। असली बगावत की कहानी नामांकन जमा करने के बाद सामने आएगी। ऐसे में भाजपा हो या कांग्रेस अपनों को मनाने और नामांकन वापस कराने की कोशिश में दोनों पार्टियां रहेंगी। नामांकन वापसी के बाद ही स्पष्ट हो जाएगी और जीत-हार का फैसला भी इसी समीकरण पर आधारित होगा।
कुख्यात गैंगस्टर युवराज उत्ताद की पत्नी हैं
इंदौर में भाजपा ने कुख्यात गैंगस्टर युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति काशिद को टिकट दिया था। जैसे ही मीडिया में खबर उछली, तो भाजपा में हडक़ंप मच गया। युवराज उस्ताद को राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला का खास बताया गया है। युवराज उस्ताद पर हत्या के दो मामले दर्ज हैं। जबरन वसूली की भी ढेरों शिकायत हैं। उस पर रासुका भी लग चुकी है। नगर निगम उसके खिलाफ मकान तोडऩे की कार्रवाई भी कर चुका है।
वीडी शर्मा ने आपराधिक पारिवारिक पृष्ठभूमि पर काटा स्वाति काशिद का टिकट
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मीडिया से कहा कि इंदौर में वार्ड 56 से वार्ड प्रत्याशी का टिकट वापस लिया जा रहा है। स्वाति काशिद को वार्ड 56 से टिकट दिया गया था। फीडबैक में पारिवारिक पृष्ठभूमि आपराधिक थी, यहां नया प्रत्याशी बनाया जाएगा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्षदों के चयन में भी आपराधिक पृष्ठभूमि न होने का पूरा ध्यान रखा गया, बीजेपी में इस पर जीरों टॉलरेंस की नीति है। वीडी शर्मा ने कहा बीजेपी में जो प्रत्याशी एमपी में दिए उनकी स्वच्छ छवि, सामाजिक प्रतिष्ठित है, कोई वकील, कोई डॉक्टर और जमीनी कार्यकर्ता है। हमारे प्रत्यशियों को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है और विकास इस चुनाव में बड़ा मुद्दा है। उन्होंने दावा किया कि सभी निकायों में भाजपा इतिहास बनाएगी।
महापौर पद के दावेदार थे कमलेश अग्रवाल
जबलपुर से कमलेश अग्रवाल पूर्व पार्षद रहे हैं और महापौर पद के दावेदारों में भी उनका नाम चला था। महाराजा अग्रसेन वार्ड से भाजपा ने इस बार समर्थ जैन को टिकट दे दिया। वे पूरी तैयारी भी चुके थे। लेकिन आखिरी समय पर उनका टिकट काटकर कमलेश अग्रवाल को दे दिया गया। बताया गया कि भोपाल से बात कर उनका टिकट फाइनल किया गया। उन्हें यह भी भरोसा दिया गया है कि अगर वे चुनाव जीतते हैं, तो उन्हें नगर निगम का अध्यक्ष भी बनाया जाएगा। कमलेश अग्रवाल को सांसद राकेश सिंह का करीबी बताया जाता है।

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