राजस्थान, महाराष्ट्र से होते हुए जेहादी कट्टरता मध्यप्रदेश तक आ पहुंची
भोपाल। भाजपा की पूर्व महिला नेत्री के बयान के बाद राजस्थान में हत्या, फिर महाराष्ट्र में एक की हत्या हुई। इन दोनों मामलों में धार्मिक कट्टरता देखी गई। अब राजस्थान, महाराष्ट्र से होते हुए यही कट्टरता मध्यप्रदेश तक आ पहुंची है। भले ही यह धार्मिक विद्वेष का मामला नहीं हो, लेकिन पाकिस्तान परस्ती ज्यादा झलकती है। एक मुस्लिम महिला सरपंच का चुनाव जीतती है, तो उसकी तुलना पाकिस्तान की जीत से हो जाती है। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं। सवाल यह है कि अगर किसी सरपंच की जीत होती है, तो भला ये पाकिस्तान की जीत कैसे हो गई। बहरहाल पुलिस का रवैया भी टालमटोल भरा है। यहां रह रहे बांग्लादेशियों का सुराग पुलिस को नहीं मिल पा रहा है। पुलिस-प्रशासन यह पता नहीं लगा पाए कि जेहादी मानसिकता और पाकिस्तान परस्त ये लोग कौन हैं, और इनके पीछे कौन लोग छिपे हैं, जो इनके आका बने बैठे हैं। बहरहाल सिर्फ नारेबाजी तक तो ठीक है, लेकिन किसी दिन कोई बड़ी घटना हो गई, तो पुलिस लाठी पीटती ही रह जाएगी।
वीडियो में यह नजर आ रहा
वायरल वीडियो में यह नजर आ रहा है कि कटनी में सरपंच पद के हुए चुनाव में देर रात तक मतगणना के बाद जैसे ही रात में सरपंच पद की प्रत्याशी राहिशा वाजिद खान की जीत हुई तो जीत के साथ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने लगे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अचानक शहर से लगी ग्राम पंचायत चाका में सरपंच पद की जीत में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगना और जीत गया भया जीत गया, पाकिस्तान जीत गया.. की गूंज सुनाई देने लगी। यह देशविरोधी मानसिकता के साथ देश की सुरक्षा पर सेंध भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस वीडियो की उच्चस्तरीय जांच होना आवश्यक है।
क्या कटनी में रह रहे बांग्लादेशी?
पूर्व में भी बांग्लादेशियों को शरण देने के मामले की कुठला थाना में जांच चल रही है। हाल ही में शिकायत हुई थी कि महिला सरपंच राहिशा खान और उसके पति वाजिद की सरपरस्ती में इन्हें शरण दी गई है। बहरहाल पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की लेकिन अभी तक वह किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई। पुलिस अभी भी मामले की जांच का राग अलाप रखी है।