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मध्य प्रदेश में शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना जबलपुर में बेअसर

नर्मदा में बने बरगी बांध से लगे सैकड़ो गांवों में पानी नहीं, गर्मी के मौसम में बुरे हाल
जबलपुर। जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन योजना का लाभ ग्रामीणों को देकर अच्छी शुरुआत की गई लेकिन प्रदेश सरकार की इस योजना का आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बरगी में कहीं भी अमल होता नजर नहीं आ रहा है। सैकड़ों गांवों के आदिवासी वर्षों से कुएं या फिर गंदे नालों का पानी पीने मजबूर हैं। इतना ही नहीं जब गर्मी का मौसम आता है तब हाल और बेहाल हो जाता है क्योंकि गर्मी में पानी के स्रोत इतने सूख जाते हैं कि उसमें से पानी की जगह सिर्फ कीचड़ ही नजर आता है। हमारी टीम ने जब बरगी,चरगवां के दूर दराज गांवों की पड़ताल की तो कई गांव ऐसे मिले जहां पर रहने वाली सैकड़ों आदिवासी महिलाएं और बच्चियां पानी के लिए दो से तीन किलोमीटर का सफर तय कर पानी लाती नजर आ रही थी। आदिवासी महिलाएं और बच्चियां सुबह हो या शाम उनके मन में सिर्फ पानी की समस्या ही बनी रहती है। जबकि बरगी चरगवां से चंद किलोमीटर की दूरी पर बरगी बांध बना हुआ है। बावजूद इसके आदिवासी बाहुल्य गांवों में रहने वाले हजारों लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। शहपुरा जनपद में आने वाले कोहला कोहली, पटी चरगवां के ग्रामीणों ने खुलकर पूर्व जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे गांव में जनप्रतिनिधि आते तो हैं, पर वह उस वक्त आते हैं जब चुनाव का वक्त होता है।
बरगी में बनी वर्षों से पानी की समस्या को लेकर ऐसा भी नहीं है कि किसी ने आवाज न उठाई हो। जब बरगी में बीजेपी की विधायिका थीं तब विपक्ष के कई स्थानीय नेताओं ने धरना प्रदर्शन के साथ कई आंदोलन किये पर नतीजा सिफर ही रहा। वहीं चरगवां शहपुरा जनपद के तिनहेटा, बाडीबाडा, चिरापोंडी, दुर्गानगर ,नकटिया, पटी चरगवां, उर्रम, ठेंगरा, नीचि, सालीवाड़ा, कोहला, कोहली, मेहगांव, कालापा जैसे सैकड़ों गांव में भी पानी की समस्या विकट है तो वहीं बरगी विधानसभा में आने वाले इन सभी ग्रामों का दौरा स्थानीय विधायक संजय यादव करते रहते हैं और वे भी मानते हैं कि उनकी विधानसभा में पानी की समस्या है जिसको लेकर संजय यादव ने कई बार जिला प्रशासन से व्यवस्था सुधार करने का आग्रह किया लेकिन अभी तक बरगी डेम होने के बावजूद ग्रामीण आज भी बून्द बून्द पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। जब स्थानीय विधायक से बात की तब उन्होंने साफ तौर पर जिला प्रशासन के साथ प्रदेश सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी विधानसभा में 194 गांवों में पायली प्रोजेक्ट के तहत एलएनटी के द्वारा काम शुरू किया गया था लेकिन उसकी मियाद खत्म हो जाने के कारण पिछले दो सालों तक 194 गांवों को पानी नसीब नहीं हो सकेगा। इसको देखते हुए हमने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन योजना को गांव जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है।
जल है तो जीवन है और जीवन के लिए आज की आधुनिक दुनिया में वह लोग संघर्ष करें जिन्हें राजनीतिक दल अपने वोटों के खातिर साधने की कोशिश में लगे हैं लेकिन लाभ कितना मिल रहा ये सामने है। फिलहाल देखना ये होगा कि पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे आदिवासियों को कब और क्या राहत मिलती है।

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