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जगत बहादुर सिंह अन्नू ने दो दशक बाद कांग्रेस को दिलाई जीत, भाजपा नहीं बचा पाई किला

जबलपुर। भाजपा के गढ़ रहे जबलपुर में कांग्रेस ने सेंध लगा दी है। करीब दो दशक बाद भाजपा को महापौर पद से हाथ धोना पड़ा है। महापौर के चुनाव में जगत बहादुर सिंह अन्नू की जीत के कई मायने हैं। यहां भाजपा ने पूरा जोर लगाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 बार सभाएं कीं, रोड शो किया, लेकिन भाजपा का किला नहीं बचा पाए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी एक बार जबलपुर आए और रोड शो किया। कुल मिलाकर यह जीत जगत बहादुर सिंह अन्नू की है। उन्होंने भाजपा को अकेले दम पर चारों खाने चित कर दिया। उनके अनुभव और सरल स्वभाव के कारण जनता ने उन्हें हाथोंहाथ लिया। भाजपा को उम्मीद थी कि डॉ. जितेंद्र जामदार जीत जाएंगे, लेकिन अंडर करंट अन्नू के पक्ष में था। जनता को यह लग रहा था कि अन्नू सही उम्मीदवार हैं, अनुभवी हैं और जनता के लिए सुलभ उपलब्ध भी हैं। भले ही डॉ. जामदार समाजसेवा और कई संगठनों से जुड़े रहे, लेकिन अन्नू की कर्मठता के आगे भाजपा को अपना गढ़ हारना पड़ा।
इन कारणों से हुई हार-जीत
अन्नू के पक्ष में जो बातें रहीं, वे उनकी समाजसेवा, पार्षद पद और नगर निगम का 15 साल का अनुभव, स्वच्छ छवि और कर्मठता रही। डॉ. जामदार के खिलाफ जो बात रही, वह उनकी व्यवस्ता थी। लोगों को लगा कि उनकी अस्पताल होने के कारण वे सहज उपलब्ध नहीं होंगे। साथ ही डॉ. जामदार को नगर निगम का अनुभव नहीं होना उनके खिलाफ गया। जनता के मन में यह बात घर कर गई कि डॉ. जामदार अपना ज्यादा समय नहीं दे पाएंगे, सहज उपलब्ध नहीं रहेंगे। कांग्रेस ने भी इन्हीं बातों को जनता के सामने रखा और यह बात समझाने में सफल भी रही। डॉ. जामदार ने एक रूपए वेतन में काम करने का ऐलान भी किया, लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं हुआ। शिवराज ने भी यह भरोसा दिलाया कि डॉक्टर साहब अब अस्पताल में नहीं बैठेंगे, एक रूपए वेतन पर दिन-रात काम करेंगे, लेकिन भाजपा का यह दांव भी काम नहीं आया।
जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया था
यह कहना भी सही होगा कि जनता परिवर्तन का मन बना चुकी थी। भाजपा के 15 साल के नगर निगम में शासन से संभवत: एंटी इन्कंबेंसी भी थी। कांग्रेस इसे भुनाने में सफल रही। जनता ने बदलाव के पक्ष में मतदान किया और अन्नू पर भरोसा जताया। जगत बहादुर सिंह अन्नू ने भी जनता से 5 साल मांगे थे। अब जनता ने उन्हें 5 साल दे दिए हैं। अन्नू ने पहले दिन से ही काम पर जुट जाने का वादा जनता से किया था। ऐसे में देखना होगा कि हमारे नए महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू इन 5 सालों में शहर को कितना बदल पाते हैं। अगर वे सफल रहे तो निश्चित ही आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को फायदा होगा।

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