Homeमध्यप्रदेशदेवी-देवताओं का अपमान, क्या पब्लिसिटी स्टंट है

देवी-देवताओं का अपमान, क्या पब्लिसिटी स्टंट है

भोपाल। हाल ही में फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई ने मां काली का पोस्टर जारी किया जिसमें उस कलाकार को सिगरेट पीते दिखाया गया, जो काली का रोल कर रही थी। भले ही वह अभिनेत्री कोई भी लेकिन यह एक तरह से हिंदू देवी-देवताओं का अपमान है। इस तरह के कुत्सित प्रयास पहले भी हो चुके हैं। ओह माई गाड फिल्म हो या पीके..। इनमें भी भगवान का मजाक उड़ाने का काम ही हुआ है। ओह माई गाड में भगवान को कोर्ट-कचहरी में खींचते दिखाया गया, तो पीके में भगवान शंकर का एक तरह से मजाक उड़ाया गया। क्या ऐसा मजाक अन्य धर्मों में संभव है। जवाब होगा नहीं। राजस्थान, महाराष्ट्र की घटनाएं आपको याद ही होंगी, जहां नूपुर शर्मा के समर्थन करने पर दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। बहरहाल सवाल यही है कि क्या यह सब पब्लिसिटी स्टंट है। क्योंकि जितना कंट्रोवर्सी होगी, उतनी ही फिल्म सफल भी होगी। इसलिए निर्माता-निर्देशक पिटने-जूते खाने से भी बाज नहीं आते। हर हाल में उन्हें कंट्रोवर्सी पसंद है।
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जानबूझकर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कर रही फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी। लीना मणिमेकलाई जैसे विकृत मानसिकता वाले लोग धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए ट्वीटर को एक टूल के रूप में उपयोग कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ट्वीटर को पत्र लिखकर अपने स्तर पर स्क्रीनिंग करके ऐसी पोस्ट को रोकने को कहेगी। गृहमंत्री ने कहा कि नक्सल विरोधी, आतंकवाद विरोधी, सांप्रदायिक दंगा और कानून व्यवस्था की गंभीर परिस्थितियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के 61 पुलिसकर्मियों को रुस्तम जी अवॉर्ड दिए जाएंगे। 50 हजार से 5 लाख रुपए तक की राशि वाले पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे।

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