Homeमध्यप्रदेशपहली बार जबलपुर से 3-3 सांसद, अब बन जाएगा सपनों का शहर

पहली बार जबलपुर से 3-3 सांसद, अब बन जाएगा सपनों का शहर

जबलपुर। ऐसा कम ही होता है कि किसी शहर से 3-3 सांसद बन जाएं, लेकिन जबलपुर को यह सौभाग्य मिला है। जबलपुर से लगातार तीन बार लोकसभा सांसद राकेश सिंह जनता के बीच से चुने गए हैं। लेकिन अब उनके साथ दो और सांसद भी राज्यसभा के लिए चुन लिए गए हैं। राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक और विवेक तन्खा ने राज्यसभा के सदन में शपथ ली। सुमित्रा बाल्मीक ने हिंदी में विवेक तन्खा में अंग्रेजी में शपथ ली। माना जा रहा है कि जबलपुर से तीन सांसद होने पर अब शहर का विकास तेजी से हो सकेगा।
दोनों सदन में उठेगी आवाज
जबलपुर के हित के लिए अब दोनों सदनों में आवाज उठ सकेगी। लोकसभा में सांसद राकेश सिंह मुख्य सचेतक भी हैं। लगातार तीन बार चुने जाने से उनका कद काफी बढ़ चुका है। इस बार मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिल सकी। लेकिन आने वाले समय में वे केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह भी बना सकते हैं। इसी तरह विवेक तन्खा कानून के जानकार के साथ ही हर क्षेत्र के व्यक्तियों, शख्सियतों तक उनकी पहुंच है। अगर दोनों मिलकर ठान लें तो जबलपुर को इंदौर-भोपाल बनने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन बीच में दलगत राजनीति आ जाती है। इसी वजह से जो चहुंमुखी विकास शहर का होना चाहिए, वह नहीं हो पाता। बहरहाल उम्मीद तो यही है कि शहर और जनहित में दोनों सांसद एक साथ खड़े दिखाई दें। वैसे भी राकेश सिंह अपने प्रयासों से शहर में कई बड़े प्रोजेक्ट ला चुके हैं। बात चाहे फ्लाईओवर की हो, रिंग रोड के निर्माण की हो या स्पोट्र्स कांप्लेक्स की। राकेश सिंह के प्रयासों से ही यह संभव हो पाया है।
सुमित्रा बाल्मीक से भी आस
सुमित्रा बाल्मीक दलित समाज से आती हैं। पार्टी ने उन्हें पार्षद बनवाया, नगर निगम अध्यक्ष बनाया और प्रदेश में उपाध्यक्ष भी बनाया। लेकिन लगता है कि इतना काफी नहीं था, इसलिए उन्हें इस बार राज्यसभा भेज दिया। सुमित्रा बाल्मीक अब मुखर होकर महिलाओं की आवाज उठाएंगे। दीन-दुखियों की सेवा के साथ उनके हक में भी राज्यसभा में अपनी आवाज बुलंद करेंगी। शहर की समस्याओं और मुद्दों पर अपनी बात मुखरता से रखेंगी। बहरहाल उम्मीद तो बंधी है कि तीन सांसद होने का फायदा शहर को मिलेगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि आगे क्या होता है।

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