Homeमध्यप्रदेशमध्यप्रदेश में मामा का युवाओं से संवाद के बहाने साधने की जुगत

मध्यप्रदेश में मामा का युवाओं से संवाद के बहाने साधने की जुगत

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के छात्र-छात्राओं से युवा संवाद किया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने बेबाक सवाल किए तो शिवराज ने उनके जवाब भी दिए। भले ही यह सरकार कार्यक्रम हो या, कुछेक छात्रों से संवाद हो, लेकिन इसके पीछे का उद्देश्य संभवत: युवाओं को साधने का ही है। प्रदेश सरकार उन्हें अपनी योजनाओं से अवगत कराने के साथ ही अपने काम भी गिनाना चाहती है। यह सब इसलिए क्योंकि 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। यही युवा वोटर प्रदेश की सरकार बनाने या गिराने में बड़ी भूमिका अदा कर सकत हैं। ऐसे में शिवराज का उनसे संवाद उन तक पहुंचने की पहल ज्यादा लग रही है।
युवा संवाद के दौरान छात्रा अंजलि ने सवाल किया कि छात्राओं को छात्रों की तरह अधिकार कब मिलेगा? सीएम ने कहा कि मैं सभी माता-पिता को संदेश देना चाहता हूं कि बेटी है तो कल है। बेटी के बिना यह श्रृष्टि नहीं चल सकती। उन्हें भी सम्मान और आगे बढऩे का अवसर दो। छात्र आराध्य ने पूछा कि मध्यप्रदेश को देश में स्वच्छता में नंबर-1 बनाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या योजना है? शिवराज ने कहा कि स्वच्छता के लिए हमें स्वयं जागृत होना होगा। हमारी आने वाली पीढिय़ां सुरक्षित रहें, इसलिए पेड़ भी अवश्य लगाएं। छात्रा कीर्ति सिंह ने पूछा कि स्वरोजगार के लिए सरकार कैसे हमारी मदद मदद कर सकती है? शिवराज ने कहा कि हमने उद्यम क्रांति योजना शुरू की है जिसमें 1 लाख से 50 लाख तक का ऋण बैंक से उपलब्ध कराया जाएगा।
छात्र विधान सक्सेना ने पूछा कि कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार क्या कार्य कर रही है। इस पर सीएम ने कहा कि अच्छा उत्पादन, उत्पादन की लागत कैसे घटे, उत्पादन का बेहतर दाम, फसलों का विविधीकरण कैसे करें और नुकसान की भरपाई कैसे करें? हमने इन पांचों क्षेत्रों में काम किया। हमने सिंचाई की व्यवस्था साढ़े सात लाख से बढ़ाकर 43 लाख हेक्टेयर की है। गेहूं के उत्पादन में हमने पंजाब, हरियाणा को पीछे छोड़ दिया। छात्र, कृषि के क्षेत्र में आकर नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर अपने आपको संपन्न और समृद्ध बना सकते हैं।

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