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नेता व अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे अवैध क्रेशर को किया गया सील

निवास।आलेख तिवारी निवास से महज 2 किमी की दूरी करौंदी ग्राम में स्थापित सोनभद्र कंस्ट्रक्शन के द्वारा डैम निर्माण कार्य के लिए अवैध रूप से लगाई गईं क्रेशर को तहसीलदार द्वारा मौके पर पहुंचकर सील कर दिया है।इस मामले में स्थानीय ग्रामीण आदिवासी न्याय के लिए लगभग 3 सालों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे लेकिन कुछ चंद रूपये में बिका हुआ पूरा सिस्टम और अधिकारी उनकी सुनने को तैयार ही नहीं थे।सोचने वाली बात यह हैं। की जिस जगह पर डेम निर्माण कार्य किया जा रहा था। वह जमीन वहाँ पर निवास कर रहे
उन आदिवासियों की है। जो अपने खून पसीने से जमीन को सिंचित कर अपना जीवन यापन कर रहे थे।जिन्हे उस जमीन का मुआवजा भी नहीं दिया गया। जिसके लिए वे स्थानीय नेता व शासकीय दफ्तरों के दरबाजे खटखटाते रहे। लेकिन उनके लिए किसी के भी दरवाजे नहीं खुले।

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बीते कुछ महीनों से अवैध रूप से संचालित क्रेशर से पुरे क्षेत्र मे गिट्टी सप्लाई भी की जा रही थी। जिसकी जानकारी क्षेत्रीय विधायक के साथ ही अधिकारीयों को दी गई थी।
लेकिन कार्यवाही को छोड़ उस पर भी मिलीभगत हो गई।
यही नहीं बल्कि निवास के कुछ छूट भैया नेताओं ने इसे अपना व्यापार बना लिया था। और पुरे जगह गिट्टी बेचने मे लगे हुये थे।
पर इसे पुरे खेल पर शिकंजा कसते हुए। तहसीलदार के द्वारा जानकारी लगते ही छापा मारा गया व क्रेशर से संबंधित कागज मांगे गए लेकिन उन्हें कोई कागज नहीं दिया गया। जिस पर कार्यवाही करते हुये मौक पर ही अवैध रूप से चल रही क्रेशर को सील किया गया।लेकिन हैरान करने वाली बात यह है की इतने दिनों से अवैध रूप से चल रही क्रेशर को क्यों सील नहीं किया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने माननीय तहसीलदार का किया धन्यवाद। वही इस इलाके का स्थानीय विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने निरीक्षण भी किया था जहां पर ग्रामीणों ने विधायक से भी न्याय दिलाने की बात कही थी।

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