शहीद शंकर शाह रघुनाथ शाह के कारागार में मूर्तियों के साथ छेड़छाड़
जबलपुर। शहीदों की चिताओं पर हर बरस लगेंगे मेले.. वतन पर मर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा..। यह बात हर बार हम कहते हैं। लेकिन जबलपुर में शहीद शंकर शाह रघुनाथ शाह के कारागार में मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। यह आरोप जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष सूरज जायसवाल ने प्रशासन पर लगाया है। वहीं इस निर्माण में लगे कंपनी के सुपरवाइजर लाखन सिंह का कहना था कि हम लोगों को जैसे निर्देश मिले हैं, उसी के तहत हम काम कर रहे हैं और हम लोगों ने मूर्ति के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं की है।
तोप से बांधकर उड़ाया थ अंग्रेजों ने
मालगोदाम स्थित वन कार्यालय में शहीद शंकरशाह रघुनाथ शाह का एक प्राचीन कारागार बना हुआ है जिस कारागार में शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह को कैद करके रखा गया था और उसके बाद इसी बन कार्यालय में बनी अदालत से शंकर शाह और उनके पुत्र को तोप के सामने बांध कर उड़ा देने की सजा सुनाई गई थी। इस सजा के बाद लेडी एल्गिन के सामने दोनों पिता पुत्र को तोप के सामने बांध कर उड़ा दिया गया था।
आदिवासी समाज के लिए धरोहर और पूजन स्थल
तब से लेकर आज तक आदिवासी इसे शहीद स्थल को पूजते आ रहे है लेकिन कुछ माह पहले मध्य प्रदेश सरकार ने वन कार्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट कर इस शहीद स्थल को तोडक़र इसका नवनिर्माण करवाने का निर्णय लिया था और उसी निर्णय के चलते इस शहीद स्थल में काम किया जा रहा है लेकिन जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि ये हमारी बड़ी धरोहर है और जो हमारी धरोहरें होती है उनका संरक्षण किया जाता है न कि उनमें तोडफ़ोड़ की जाती है और इस शहीद स्थल में की जा रही तोडफ़ोड़ से आदिवासी समाज दुखी है।