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गृहमंत्री ने कहा-टाल दिया जाए पंचायत चुनाव, सीएम ने कांग्रेस पर मढ़ा दोष

भोपाल। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि चुनाव किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं है। लोगों की जान हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। कोरोनाकाल में अन्य प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव से लोगों की सेहत पर खासा प्रभाव पड़ा था। इसलिए मेरी व्यक्तिगत राय है कि कोरोना के के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाल दिया जाना चाहिए। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा में ओबीसी आरक्षण एवं विभिन्न विषयों पर विचार साझा किया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के प्रति संकल्पित है। चाहे सामान्य वर्ग हो, पिछड़ा वर्ग हो, एससी-एसटी वर्ग हो, सबकी भलाई और सबका कल्याण हमारा लक्ष्य है। हमारा ध्येय सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता के साथ और इसलिए सामान्य वर्ग के भी गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का काम हमारी सरकार ने किया है और ओबीसी को भी 27 प्रतिशत आरक्षण मिले, वह भी हमने किया है। पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने महापाप किया है।
शिवराज ने कहा कि रोटेशन के नाम पर आरक्षण का विरोध करने पहले हाईकोर्ट गये। हाईकोर्ट ने चुनाव रोकने से इन्कार कर दिया तो सुप्रीम कोर्ट गये, सुप्रीम कोर्ट ने फिर हाईकोर्ट भेजा, फिर भी जब चुनाव स्थगित नहीं हुए तो फिर सुप्रीम कोर्ट गये। कांग्रेस का प्रयास था कि येन केन प्रकारेण चुनाव ना हो और ओबीसी को आरक्षण का लाभ ना मिले। उन्होंने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि हमने उस दिन भी कहा था कि सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता के साथ सामान्य वर्ग हो, पिछड़ा वर्ग हो और एससी एसटी हो, सबका कल्याण हमारी सरकार का लक्ष्य है। इसलिए हम सामान्य वर्ग को भी न्याय देंगे, एस-एसटी को भी न्याय देंगे। हम चाहते हैं कि अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव हो। हमने पुनर्विचार याचिका परसों की थी। आज अगली सुनवाई के लिए कोर्ट में हमने आग्रह किया है। अगली सुनवाई हो और तत्काल सुनवाई हो, फैसला आए हम उस फैसले की प्रतीक्षा में है। इसके बाद भी मैं सदन से कहना चाहता हूं कि बिना इतने बड़े वर्ग के आरक्षण के चुनाव में जाना ना तो तर्कसंगत है, ना प्रदेश के हित में है। इसलिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। जो भी संभव है, सब किया जाएगा कि पंचायत चुनाव ओबीसी के आरक्षण के साथ ही हो।
उन्होंने कहा कि यह सदन आज ऐतिहासिक फैसला करे, सर्वसम्मति से यह संकल्प ले कि बिना ओबीसी के आरक्षण के पंचायत चुनाव ना कराए जाएं। यह सदन संकल्प लेता है कि बिना अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के पंचायत चुनाव ना कराए जाएं। एक ऐसी परिस्थितियां पैदा हुई है, जिसके कारण संपूर्ण प्रदेश में आक्रोश व्याप्त है। सरकार की प्रतिबद्धता मैंने पहले जाहिर की है और यह परिस्थिति पैदा हुई हमारे प्रतिपक्ष के मित्रों से जिन्होंने चुनाव का हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया। जैसा कि मैंने पहले कहा कि समाज के हर वर्ग को न्याय मिले यह हमारी प्रतिबद्धता है, ओबीसी को भी न्याय मिले यह सरकार की प्रतिबद्धता है। हम कानून वैधानिक जो पक्ष है, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में गए हैं। हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपने पक्ष को पूरी ताकत के साथ रखेंगे। मैं आग्रह करता हूं सदन के सभी माननीय सदस्यों से कि इस संकल्प को हम सर्वसम्मति से पारित करके एक नया इतिहास रचें और हम मिलकर सब प्रयास करेंगे कि ओबीसी को आरक्षण मिले और उसके साथ ही पंचायत के चुनाव कराए जाएं।

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