Homeजबलपुरकांग्रेस राज में संरक्षण की अपेक्षा शोषण को ही प्रश्रय मिला है:...

कांग्रेस राज में संरक्षण की अपेक्षा शोषण को ही प्रश्रय मिला है: महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि

जबलपुर। मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद् के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि शोषण और संरक्षण में अंतर है। संरक्षण में सृजन है तो शोषण में संभावनाओं का अंत। जीवन मूल्यों एवं प्रकृति प्रदत्त शाश्वत तत्वों का संरक्षण अभीष्ट है। उन्होंने साफ कहा कि शासन स्तर पर विचार करें तो कांग्रेस के राज में संरक्षण की अपेक्षा शोषण को ही प्रश्रय मिला है। एक तरह से एक लंबे कालखंड तक शोषण का क्रम चला है। महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि जीवन मूल्यों एवं प्रकृति प्रदत्त शाश्वत तत्वों तथा परम्परागत विश्वासों के संरक्षण का काल तो अब आरंभ हुआ है। केंद्र में भाजपा का शासन एवं देश के अनेक प्रदेश भाजपा शासित राज्य हैं। इसलिए संरक्षण की उम्मीदें जागी हैं।
महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि मध्यप्रदेश का हम आकलन करें तो नर्मदा, गोवंश, रोजगार, ग्राम विकास, शिक्षा, कृषि/कृषक कल्याण, बिजली,पानी, सडक़, पेयजल एवं सिंचाई योजना लघु, मध्यम, सूक्ष्म उद्योग बेशक ये आकलन के मुद्दे हैं। यह कहना उचित नहीं है कि इन बिंदुओं पर कोई काम ही नहीं हुआ है; समस्या जितनी बड़ी होती है समाधान तक पहुँचने में समय भी लगता है।
उन्होंने कहा कि संसार में जो विकसित देश हैं, वहाँ बड़ी समस्याओं के समाधान की दिशा में उठाये गये कदमों एवं कृत-कार्यों का सुपरिणाम वर्षों की मेहनत के बाद प्राप्त हुआ है। नदियों एवं पहाड़ों पर विकास कार्यों पर वर्षों-वर्ष लगे हैं। प्रदूषण जैसी विकराल समस्या पर दो-चार वर्षों में ही समाधान नहीं निकाला जा सकता। धीरे-धीरे धैर्यपूर्वक, क्रमिक और चरणबद्ध कार्ययोजना से लंबी यात्रा के बाद समाधान तक पहुँचा जाता है। आरोप-प्रत्यारोप एवं दोषारोपण सहित छिद्रान्वेषण, समाधान की दिशा में मार्गदर्शी नहीं रोड़ा बनकर मनोबल तोडऩे का काम तो कर सकते हैं किन्तु जो अच्छा हुआ है उसका भी तो आंकलन करना आना चाहिये।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments