जबलपुर। ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी को अंतिम विदाई देने के लिए शिष्य और अनुयायी उमड़ पड़े हैं। झोंतेश्वर के परमहंसी गंगा आश्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी पहुंचे। शंकराचार्य के अंतिम दर्शन के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचे। राजनेताओं के अलावा सभी मठों के प्रतिनिधि भी शंकराचार्य जी के अंतिम दर्शन करने पहुंचे। नम आंखों से हिंदुओं के सर्वोच्च धर्मसम्राट शंकराचार्य जी को भावभीनी विदाई दी गई। ज्योतिषमठ और शारदा के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भू-समाधि में लीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शंकराचार्य जी को भू-समाधि दी गई। मुख्यमंत्री, महापौर और राज्यसभा सदस्य ने उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
शंकराचार्य जी के देवलोक गमन से हिंदू समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक जताया। हिंदुओं के धर्मसम्राट के जाने से देश ने एक ऐसे व्यक्तित्व को खो दिया, जो देशभर में पूजे जाते थे। शंकराचार्य जी मुखर होकर अपनी बात रखते थे और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने कई बार आवाज उठाई। श्रीराम मंदिर हो या साईं बाबा की पूजा का विरोध.. हर बार उन्होंने तार्किक ढंग से अपनी बात रखी।
एक युग का अंत.. नम आंखों से धर्मसम्राट शंकराचार्य जी को भावभीनी विदाई दी गई
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