Homeमध्यप्रदेशआरटीओ को भ्रष्टाचार का गढ़ बनाकर कमा लिए 300 करोड़

आरटीओ को भ्रष्टाचार का गढ़ बनाकर कमा लिए 300 करोड़

जबलपुर। लंबे समय से जबलपुर में जमे आरटीओ संतोष पॉल ने आरटीओ कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया था। कई बार जनता-नेताओं ने आवाज उठाई, लेकिन शासन-प्रशासन की कानों में जूं तक नहीं रेंगी। यही वजह है कि संतोष पॉल भ्रष्टाचार के नए-नए कीर्तिमान बनाते रहे। लेकिन 17 अगस्त को जब रात के 10.30 बजे ईओडब्ल्यू की टीम ने दबिश दी, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। टीम जैसे ही शताब्दीपुरम स्थित उनके बंगले पर पहुंची तो हवेलीनुमा आलीशान बंगला और सजावट देखकर टीम के सदस्य दंग रह गए। बंगले की नक्काशी और डेकोरेशन देखकर उनकी आंख फटी की फटी रह गई। जब जांच की तो पता चला कि आरटीओ संतोष पॉल और उनकी आरटीओ में लिपिक पत्नी रेखा पॉल के पास आय से 650 गुना ज्यादा संपत्ति है। शताब्दीपुरम और विजयनगर में उनके पास 10,000-10,000 वर्गफीट के आलीशान मकान हैं। इसके अलावा डेढ़ एकड़ का फार्म हाउस, जमीन और प्लाट के दस्तावेज मिले हैं। आरटीओ संतोष पाल ने कुछ दिन पहले ऑटो चालक की गाड़ी में गांजा रखने की धमकी दी थी।
आय से 650 गुना अधिक संपत्ति
जबलपुर के आरटीओ संतोष पॉल के घर सहित सभी ठिकानों पर ईओडब्ल्यू ने बुधवार देर रात छापा मारा। इस छापे से हडक़ंप मच गया। ईओडब्ल्यू की टीमों ने संतोष पॉल के शताब्दीपुरम स्थित आलीशान हाउस और गढ़ा फाटक स्थित पुश्तैनी मकान पर एक साथ दबिश दी। ईओडब्ल्यू को संतोष पॉल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी शिकायत सही पाये जाने के बाद ईओडब्ल्यू ने यह जांच शुरू की है। टीम आधी रात तक संपत्ति संबंधी दस्तावेज जुटाती रही ।संतोष पॉल के पास वैध स्रोतों से प्राप्त आय की तुलना में करीब 650 गुना अधिक संपत्ति है। सभी संपत्ति मिलाकर 300 करोड़ से ज्यादा का आकलन किया जा रहा है।
4 साल से जबलपुर में टिके हैं संतोष पाल
संतोष पॉल लगभग 4 सालों से जबलपुर में पदस्थ हैं ।इनकी पत्नी रेखा पॉल भी कार्यालय में ही लिपिक की नौकरी पर है।संतोष पॉल के खिलाफ कई मामले सामने आते रहे है,जिनमें फर्जी जाति प्रमाण पत्र, ऑटो चालक को गांजा बेचने के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देना, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, परमिट सहित वीआईपी नंबर्स की मनमानी फीस वसूलना और कमीशन लेने जैसे आरोप भी। आरटीओ के पद पर रहते हुए संतोष पॉल ने करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति जुटाई है, जिसके कारण ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज हुई। साथ ही कोर्ट में भी परिवाद दायर किया गया था।

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