16 मार्च 2020 के बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए श्रद्धालु
उज्जैन। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती में एक बार फिर से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलना शुरू हो गया है। एक साल 5 माह बाद यहां श्रद्धालु फिर से भस्म आरती में शामिल होकर भावविभोर हुए। दरअसल कोरोना की पहली लहर के दौरान 16 मार्च 2020 से बाबा महाकाल की भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया था। तब से दूसरी लहर भी आ गई और प्रतिबंध जारी रहा। अब जाकर भस्म आरती में श्रद्धालु शामिल हो सके हैं। भस्म आरती में कुछ नियम कायदों के साथ श्रद्धालु को शामिल किया गया। भस्म आरती में वही श्रद्धालु शामिल हुए जिन्होंने भस्म आरती के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग करवाई थी। हालांकि गर्भगृह व नंदीहाल में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा। श्रद्धालु गणेश मंडपम और कार्तिक मंडपम में बैठकर भस्म आरती में शामिल हुए।
ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग कराई
मंदिर प्रबंधन के मुताबिक भस्म आरती में ऑफ लाइन निशुल्क 150 लोगों को प्रवेश दिया गया तो वहीं 350 लोगों को 100 रुपए शुल्क के साथ ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से प्रवेश मिला है। इसके अलावा मंदिर के पुजारी, पुरोहित और जिला प्रोटोकाल के सदस्यों को 200 रुपए शुल्क के साथ प्रवेश दिया गया।
3 बजे खुले बाबा महाकाल के पट
विश्व प्रसिद्ध मंदिर के पट प्रात: 3 बजे खोले गए। भक्तों के लिए बाबा महाकाल की विशेष भस्म आरती खास रही। भस्म आरती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया जिसमें दूध, दही, घी, शहद व फलों के रस से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चंदन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराए गए। इसके बाद बाबा को भस्म चढ़ाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई। भक्त पिछले एक वर्ष 5 माह से आज के दिन का इंतजार कर रहे थे और वे साक्षात भस्मारती में शामिल हुए। महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल देखा गया।
बैठक में हुआ था फैसला
2 सितंबर को जिला आपदा प्रबंधन की हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि अब भस्म आरती में श्रद्धालुओं को शामिल किया जाए। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, विधायक पारस जैन, सांसद अनिल फिरोजिया, जिला कलेक्टर आशीष सिंह व महाकाल मंदिर प्रशासक शामिल हुए और कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक श्रद्धालुओं के भस्म आरती में प्रवेश पर सहमति बनी।