जबलपुर। अभी तक कोरोना से पूरी तरह उबर भी नहीं पाए जबलपुर को डेंगू का दंश झेलना पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से डेंगू ने शहरवासियों को हलाकान कर रखा है। स्थिति यह है कि सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट अस्पताल भी फुल चल रहे हैं। जो हालत शहर की कोरोना ने की थी, कुछ वही हालत डेंगू ने कर दी है। महज कुछ ही दिनों में डेंगू ने शहर में पूरी तरह पैर पसार लिए हैं। वहीं कोरोना से कुछ राहत मिलती दिख रही थी, लेकिन बीते कुछ दिनों में ही कोरोना के मरीज भी बढऩे लगे हैं। अभी तक 2-4 मरीज ही मिला करते थे, लेकिन अब यह संख्या दहाई को छूने को बेकरार है। एक्टिव केस भी 50 को पार कर चुके हैं। जितने मरीज ढीक नहीं होते, उससे ज्यादा मिल जाते हैं। ऐसे में जब प्रदेश में कोरोना के मरीज कम आ रहे हैं, तब जबलपुर में कोरोना दबे पांव ही सही, दस्तक देने को तैयार दिख रहा है। ऐसे में शहरवासियों को दोहरी मुसीबत से सामना करना पड़ रहा है।
प्राइवेट अस्पतालों की फिर चांदी
कोरोना की दूसरी लहर में जमकर कमाई करने वाले प्राइवेट अस्पतालों की फिर चांदी हो गई है। कुछ दिन से उनका धंधा मंदा चल रहा था, लेकिन लगता है कि डेंगू ने वह कमी पूरी कर दी। चूंकि डेंगू के मरीजों की प्लेटलेट्स तेजी से कम होती है। ऐसे में डेंगू के बढ़ते खतरे के बीच ब्लड बैंकों में मारामारी की स्थिति है। हालात यह हैं कि प्लेटलेट्स की मांग अचानक बढ़ गई है। विक्टोरिया, एल्गिन व मेडिकल कालेज अस्पताल में भीड़ तो है ही, निजी ब्लड बैंकों में भी प्लेटलेट्स के लिए मरीजों के परिजन लाइन लगाए खड़े हैं। हालत यह है कि ब्लड बैंक प्लेटलेट्स की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं।
त्योहारों में बढ़ेगा खतरा, कोरोना के पलटवार की आशंका
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इस बीच शहर में मरीज बढ़ रहे हैं। इस समय तीज-त्यौहारों के कारण बाजार में भीड़भाड़ है। गणेशोत्सव शुरू हो चुका है, तो श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ेगी। ऐसे में बहुत संभावना है कि कोरोना का खतरा बढ़ जाए। ऐसे में जरूरी है कि फिलहाल तो डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है। साथ ही कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना और मास्क पहनना भी जरूरी है।