विदिशा न्यूज | 15 अगस्त के दिन पूरा देश में आजादी का जश्न के साथ बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा था, लेकिन मध्य प्रदेश के विदिशा जिला से आजादी के 76 साल के बाद भी एक सरपंच को सिर्फ इसीलिए तिरंगा नहीं फहराने दिया गया क्योंकि वह एक दलित है।
पूरा मामला विदिशा जिले के सिरोंज में भगवंतपुर ग्राम पंचायत का है जहां के सरपंच बारेलाल अहिरवार ने आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल हरिजन (दलित) होने के कारण उनसे चिढ़ती हैं। इसी वजह से स्वतंत्रा दिवस के मौके पर उनका दलित होने की वजह से तिरंगा नहीं फहराने दिया गया। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बता दें सरपंच का कहना है कि उनके पहुंचने से पहले ही झंडा किसी और ने फहरा दिया था। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें विद्यालय की प्रिंसिपल सरपंच से अनुरोध कर रही हैं कि वह आएं और झंडा फहराएं, लेकिन सरपंच यही कह रहे हैं कि अब जब आपने झंडा किसी और से फहरवा लिया है तो नहीं जाऊंगा।
सरपंच का आरोप है कि मैं दलित हूं इसलिए मुझे स्कूल नहीं बुलाया गया और किसी दूसरे आदमी ने झंडा फहरा दिया. जबकि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराना चाहिए। जानकारी के अनुसार प्रशासन ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है। अगर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया होगा और आरोप सही पाए जाएंगे तो कार्रवाई की जाएगी।
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