नेपाल सरकार ने सोमवार को कहा कि वह 2025 से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की अनुमति हासिल करने के लिए रॉयल्टी शुल्क 4,000 डॉलर बढ़ाकर 15,000 डॉलर करने पर विचार कर रही है।
वर्तमान में 8,848.86 मीटर की ऊंचाई वाले दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत को फतह करने के इच्छुक विदेशी पर्वतारोहियों को 11,000 अमेरिकी डॉलर का रॉयल्टी शुल्क देना पड़ता है। नेपाली पर्वतारोहियों को 75,000 रुपये का शुल्क देना पड़ता है। सरकार ने इससे पहले जनवरी 2015 में रॉयल्टी शुल्क में संशोधन किया था।
विभाग के प्रवक्ता युवराज खाटीवाड़ा ने कहा, ‘पर्यटन विभाग ने 2025 से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के इच्छुक प्रत्येक विदेशी नागरिक के लिए 15,000 डॉलर का नया रॉयल्टी शुल्क प्रस्तावित किया है।’ कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद नया शुल्क लागू होगा। वर्तमान शुल्क संरचना किसी भी विदेशी पर्वतारोही को 11,000 अमेरिकी डॉलर के भुगतान पर साउथ फेस (नेपाल की तरफ) से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सक्षम बनाती है।
2025 से पहले समूह अभियान (जिसमें अधिकतम 15 सदस्य शामिल थे) प्रति व्यक्ति 10,000 अमरीकी डालर की लागत खर्च करते थे। हालांकि, समूह प्रावधान को बाद में हटा दिया गया था, और प्रति विदेशी पर्वतारोही 11,000 अमरीकी डालर का एक समान शुल्क लागू किया गया था।
सरकार एक नया नियम भी ला रही है जिसके तहत अभियान एजेंसियों को पहाड़ से मृत पर्वतारोहियों के शवों को निकालने का आदेश दिया गया है। यह उपाय बीमा कवरेज होने के बावजूद पहाड़ पर छोड़े जाने वाले शवों की बढ़ती चिंता के मद्देनजर किया जा रहा है। इस साल के वसंत के मौसम में नेपाल की ओर से चढ़ाई का प्रयास करते हुए 17 पर्वतारोहियों ने अपनी जान गंवा दी थी।
पिछली आपदाओं में अप्रैल 2014 के हिमस्खलन में 16 नेपाली शेरपा गाइड की जान चली गई थी। इसके अगले वर्ष नेपाल ने एक विनाशकारी भूकंप का अनुभव किया जिसने एवरेस्ट बेस कैंप में हिमस्खलन शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप 20 व्यक्तियों की मौत हो गई थी।