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कोल्ड ड्रिंक्स में तय मात्रा से 87 गुना तक डाले जाते हैं कैमिकल, हाईकोर्ट ने दिए कार्रवाई के निर्देश

जबलपुर। कोल्ड ड्रिंक्स और सॉफ्ट ड्रिंक्स में तय पैमाने से ज्यादा कैमिकल्स और पेस्टीसाइट्स होने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने पूरे 18 सालों बाद अपना फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने सु्प्रीम कोर्ट के उस आदेश के मद्देनजऱ याचिका का निराकरण कर दिया है जिसमें खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण को नियमों के तहत कार्रवाई करनी होगी। जबलपुर हाईकोर्ट ने सॉफ्ट ड्रिंक्स में पेस्टीसाइट्स होने के मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मध्यप्रदेश में भी लागू करने का आदेश दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण को सभी तरह की कोल्ड ड्रिंक्स की जांच के बाद जरूरी कार्यवाई करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट में ये याचिका जबलपुर के दयोदय ट्रस्ट ने साल 2004 में दायर की थी। इसमें एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया था कि पेप्सी, कोका कोला जैसे कोल्ड ड्रिक्स में कई तरह के कैमिकल तय मात्रा से 87 गुना तक डाले जाते हैं जिससे सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
अधिवक्ता एनएस रूपराह ने बताया कि इस याचिका पर पहले हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार सहित सॉफ्ट ड्रिंक्स निर्माताओं और खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण से जवाब तलब किया था। इस बीच कोर्ट ने पाया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसे ही एक विषय पर दायर याचिका पर अपना फैसला सुना चुका है जिसमें खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण को नियमों के तहत जांच और कार्यवाई के निर्देश हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ने 18 साल बाद इस याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजऱ मध्यप्रदेश में भी कार्यवाई के आदेश दिए हैं। मामले पर 18 सालों तक पैरवी करने वाले अधिवक्ता एनएस रूपराह का कहना है कि अब खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की ये जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वो तमाम तरह की सॉफ्ट ड्रिंक्स की जांच के बाद कार्यवाई करे।

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