जबलपुर। जिले में यूरिया की कालाबाजारी धड़ल्ले से की जा रही है। इसके कारण अन्नदाता किसान परेशान हैं। वे प्राइवेट दुकानों से महंगी यूरिया खरीदने के लिए मजबूर हैं। स्टिंग ऑपरेशन में यूरिया की कालाबाजारी करता दुकानदार बेनक़ाब हुआ है। प्राइवेट दुकानदार अपने मनमाने रेट से यूरिया बेच रहा है। 270 रुपये की यूरिया 350 रूपए में बेची जा रही है। शहपुरा के शतांश ट्रेडर्स में यूरिया के साथ जिंक लेना जरूरी रहता है। अगर जिंक नहीं लिया तो प्राइवेट दुकानदार यूरिया नहीं देता। किसान के साथ यूरिया लेने शहपुरा शतांश ट्रेडर्स दुकान पहुंचे तो यहां 270 वाली यूरिया 350 रूपए में बेची जा रही थी। अभिषेक ठाकुर निवासी ग्राम कनवास सतांश ट्रेडर्स में यूरिया लेने गए, तो इस बात का खुलासा हुआ।
ऊपरवाले ने दिया साथ, तो नीचे वाले सता रहे
इस वर्ष बारिश होने से और मावठे की बारिश ने किसानों को खुश होने का मौका दिया। प्रकृति ने किसानों का साथ दिया तो किसान यूरिया, खाद की किल्लत से परेशान हैं। शहपुरा एवं आसपास खाद कहीं नहीं मिल रही है। किसान यूरिया के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं। एक बोरी यूरिया के लिए किसान समितियों तथा इफ्फो सेवा केंद्र एवं सरकारी समिति के चक्कर लगा रहे हैं। मगर अन्नदाता को यूरिया नहीं मिल रही है। इस समय किसान गेहूं एवं मटर के लिए फसल में पानी के बाद यूरिया का प्रयोग करते हैं। क्योंकि खेतों में नमी का फायदा अच्छा मिलता है। लेकिन खाद के अभाव में किसान इससे वंचित हैं। शहपुरा में दूसरी तरफ निजी उर्वरक विक्रेता गोदामों में अच्छा खासा स्टाक किए बैठे हैं। जब किसान इन दुकानदारों के पास यूरिया खाद लेने पहुंचते हैं तो इनका कहना होता है कि यूरिया खत्म हो गया है। यूरिया चाहिए हो तो आपको जिंक, बायजान,और सुपर खाद साथ में लेना पड़ेगी नहीं तो यूरिया नहीं है। ऐसे में किसान लुटने के लिए मजबूर हैं।
अन्नदाता से छलावा : 270 रुपये की यूरिया बेची जा रही 350 में
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