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कांग्रेस के सामने 15 साल का वनवास खत्म करने की चुनौती.. भाजपा का किला बचाने पर जोर

नगर निगम चुनाव में लगेगा दिग्गजों का जमावड़ा, जीत पर होंगी निगाहें
जबलपुर। दो साल के इंतजार के बाद आखिरकार चुनाव की बेला आ ही गई। नगर सरकार चुनने के लिए जनता पूरी तरह तैयार है, तो भाजपा और कांग्रेस ने अपने सेनापतियों का ऐलान कर दिया है। भाजपा से जाने-माने प्रसिद्ध डॉक्टर और संघ से जुड़े डॉ. जितेंद्र जामदार महापौर पद के प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। उनके मुकाबले में पूर्व पार्षद व नगर कांग्रेस अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह अन्नू हैं। ये दोनों भले ही प्रत्याशी हों, लेकिन प्रतिष्ठा सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ की दांव पर लगी हुई है। कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर चुके हैं, लेकिन वे एक बार फिर नामांकन दाखिल करेंगे और संभावना है कि कमलनाथ भी उनका नामांकन दाखिल कराने आएं। इसी तरह डॉ. जितेंद्र जामदार का नामांकन भी एक दिन टल गया है। अब 18 जून को वे नामांकन भरेंगे और उनके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी होंगे। एक तरह से यह शक्ति प्रदर्शन और माहौल बनाने का प्रयास है, ताकि चुनाव में जीत दर्ज की जा सके।
जबलपुर इसलिए महत्वपूर्ण
जबलपुर नगर निगम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से करीबी के कारण ही डॉ. जितेंद्र जामदार को टिकट मिला है। इसी तरह जगत बहादुर सिंह भी कमलनाथ के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में इन दोनों दिग्गज नेताओं का आना एक तरह से ट्रेलर है। आने वाले समय में उनकी रैलियां भी होंगी और वार-पलटवार भी होगा।
15 साल का सूखा खत्म करने की चुनौती
जबलपुर में भाजपा 15 साल से नगर निगम पर काबिज है। ऐसे में कांग्रेस के सामने चुनौती होगी कि वह भाजपा का किला भेदे। साथ ही भाजपा के लिए भी चुनौती होगी कि वह अपना किला बचाए रखे। जिस तरह से जबलपुर में भाजपा की गहरी जड़ें हैं, उसे देखकर लगता है कि नगर सत्ता का सुख भोगना, कहीं इस बार भी कांग्रेस के लिए सपना न हो जाए। बहरहाल यह राजनीति है.. पता नहीं पांसा कब पलट जाए.. अंदरखाने कब खेल हो जाए और जीती बाजी हारने की नौबत आ जाए। अब यह देखने वाली बात होगी कि शहर की जनता किसे अपना रहनुमा चुनती है।

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