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पर्यूषण पर्व का अंतिम दिन क्षमा दिवस के रूप में मनाया, 1008 दीपों से देश का मानचित्र बनाया

जबलपुर। पर्यूषण जैन समुदाय का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व जो कि हमे बुरे कर्मो का नाश कर के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है । दिगम्बर जैन समुदाय का 10 दिवसीय पर्यूषण पर्व का आज अंतिम दिन क्षमा दिवस के रूप में मनाया गया । इसी क्रम में श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर गोलबाजार जबलपुर में पर्वराज पर्यूषण अति उत्साह, हर्ष व शालीनता से मनाया गया। विगत 10 दिनों से निरंतर भगवान महावीर जी की आरती , प्रवचन एवमं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा। आज 10 दिन पूर्ण होने पर विशेष महाआरती का आयोजन किया गया, जो कि मंत्रमुग्ध कर देने वाला रहा। श्रद्धालु हषोल्लास से झूम उठे ।
एक तरफ जंहा विध्नहर्ता गणेश जी विराजन के 10 दिन पूर्ण हुये वहीं पर्यूषण के भी आज 10 दिन पूर्ण हुये , दोनो ही पर्व पूरे उत्साह , धूमधाम व अति शालीनता व परस्पर भाईचारे के साथ मनाये गये *शायद इसीलिये जबलपुर को संस्कारधानी कहा जाता है जहां हर समुदाय एक दूसरे को परस्पर सम्मान देते हैं ,और प्रत्येक पर्व मिलजुल कर मनाते हैं । डी. एन. जैन हाउस सोसायटी सदस्य शैलेश जैन ने हिट वॉइस से बात करते हुये पर्यूषण के महत्व पर प्रकाश डाला साथ ही बताया कि आज महाआरती के अवसर पर स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुये 1008 दीपों से देश का मानचित्र बनाया गया ।

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